
बर्लिन: 'यूक्रेन पर रूस के हमले FATF के नियमों के खिलाफ', प्रतिबंधों को लेकर होगी समीक्षा बैठक
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रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए 113 दिन बीत चुके हैं. शुक्रवार को ईयू देशों जर्मनी, फ्रांस, इटली के राष्ट्रपति और पीएम ट्रेन से कीव पहुंचे. ट्रेन से उतरने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि हम लोग एकता का संदेश लेकर यहां आए हैं. इस दौरान उन्होंने रूसी हमलों की बर्बरता की निंदा की.
जर्मनी के बर्लिन में अधिवेशन के दौरान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक फिर यूक्रेन पर रूसी हमलों की निंदा की. संगठन ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले एफएटीएफ के उन मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं, जिनका लक्ष्य सुरक्षा, सुरक्षा और वैश्विक वित्तीय प्रणाली की अखंडता को बढ़ावा देना है.
यह हमले अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आपसी सम्मान के प्रति प्रतिबद्धता का घोर उल्लंघन कर रहे हैं, जिने आधार पर ही FATF सदस्य संगठन के मानकों को लागू करने और उनका समर्थन करने के लिए सहमत हुए हैं. वहीं एफएटीएफ ने यूक्रेन के लोगों के लिए गहरी सहानुभूति जताई. कहा कि रूसी आक्रमण के कारण यूक्रेन के लोगों की लगातार जान जा रही है.
एफएटीएफ ने लगाए प्रतिबंध, रूस से ताकत छीनी
रूस 2003 में एफएटीएफ में शामिल हुआ था. एफएटीएफ में शामिल होने के बाद से यूरेशियन क्षेत्र में वैश्विक नेटवर्क के विकास में रूस की भूमिका को मान्यता दी गई लेकिन यूक्रेन पर हो रहे उसके हमलों के कारण एफएटीएफ ने रूस की भूमिका और प्रभाव को संगठन में बहुत ही सीमित करने का निर्णय लिया है. रूस अब संगठन में नेतृत्व या सलाहकार की भूमिका नहीं निभा सकता है.
इसके अलावा वह मानक तय करने, एफएटीएफ की समीक्षाओं, शासन या सदस्यों से जुड़े किसी भी मामले पर निर्णय लेने में शामिल नहीं हो सकता है. एफएटीएफ स्थिति की समीक्षा के बाद बैठक कर विचार करेगा कि क्या इन प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए या फिर इन्हें और कठोर करना चाहिए.
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पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.