बच्चों में कोरोना से ठीक होने के बाद मिला Multi Inflammatory Syndrome, दिल्ली के कई अस्पतालों में मामले
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लैंसेट के अनुसार, हालांकि यह स्थिति कैसे बन रही है इसके कारकों के बारे में पता नहीं चल सका है. लेकिन यह माना जा रहा है कि यह कोरोना के बाद होने वाले लक्षण हैं. जिसमें तीन दिनों तक बुखार, दाने, आंखों में संक्रमण और गेस्ट्रो संबंधी लक्षण जैसे दस्त, पेट में दर्द और मतली आना शामिल हैं.
देश भर में कोरोना संक्रमण के आंकड़े थमते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ अब दिल्ली के कई अस्पतालों में बच्चों में इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) के मामले सामने आए हैं. पिछले एक महीने में दिल्ली के कई अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के बाद बच्चों में ऐसा देखा जा रहा है. हालांकि शहर के बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि इससे प्रभावित बच्चों ने इलाज के लिए अच्छी प्रतिक्रिया दी है. लैंसेट के अनुसार, हालांकि यह स्थिति कैसे बन रही है इसके कारकों के बारे में पता नहीं चल सका है. लेकिन यह माना जा रहा है कि यह कोरोना के बाद होने वाले लक्षण हैं. जिसमें तीन दिनों तक बुखार, दाने, आंखों में संक्रमण और गेस्ट्रो संबंधी लक्षण जैसे दस्त, पेट में दर्द और मतली शामिल हैं. वहीं कुछेक मामलों में ऑर्गन फेल होने का भी अंदेशा रहता है. द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में, सर गंगा राम अस्पताल ने MIS-C से प्रभावित बच्चों के लिए एक समर्पित वार्ड की स्थापना की है. अस्पताल के पीडियाट्रिक इंटेंसिविस्ट डॉक्टर धीरेन गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में पिछले साढ़े तीन हफ्तों में इस बीमारी के 52 मरीज देखे जा चुके हैं. दिल्ली में कोरोना के 212 नए मामले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों की बात करें तो बुधवार को बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 212 नए मामले सामने आए और 25 कोविड मरीजों ने दम तोड़ दियाय राष्ट्रीय में संक्रमण दर गिरकर 0.27 फीसदी हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में संक्रमण से अब तक कुल 24,876 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि संक्रमितों की कुल संख्या 14,31,710 हो गई है. दिल्ली में 14 लाख से अधिक मरीज रिकवर हो चुके हैं.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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