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बगावत कर बनाई पार्टी, जेल से निकलकर बने CM, 32 में से 31 सीटों पर फतह... सिक्किम में प्रचंड जीत के नायक प्रेम सिंह तमांग कौन हैं?
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चामलिंग की अगुवाई वाले एसडीएफ के संस्थापक सदस्य रहे प्रेम सिंह तमांग ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर 2013 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाया था. उन्होंने एसडीएफ पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया था. गठन के अगले ही साल 2014 के विधानसभा चुनावों में एसकेएम ने 10 सीटें जीती थीं.
सिक्किम में एक बार फिर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की सत्ता में वापसी होती नजर आ रही है. रुझानों में पार्टी प्रचंड बहुमत हासिल करती हुई दिख रही है. क्लीन स्वीप की ओर बढ़ते हुए एसकेएम ने कुल 32 विधानसभा सीटों में से 31 पर बढ़त बना रखी है. एक सीट पर एसडीएफ आगे है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस अपना खाता खोलने में भी नाकाम रहे. अगर ये रुझान नतीजों में बदलते हैं तो एसकेएम के लिए इस जीत का मतलब होगा कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार हैं.
2019 में मिली थीं 17 सीटें
मुख्यमंत्री तमांग रेनॉक और सोरेंग-चाकुंग विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों ही सीटों पर आगे चल रहे हैं. उन्होंने विश्वास जताया था कि सिक्किम के मतदाता पार्टी को एक और कार्यकाल देंगे. उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय नामची-सिंघीथांग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष पीएस गोले उर्फ प्रेम सिंह तमांग ने 2019 में 17 सीटें हासिल करके राज्य में 24 से अधिक साल तक सत्ता में रहने के बाद चामलिंग सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था. इस बार वह 32 में से 31 सीटों पर जीत हासिल करते नजर आ रहे हैं.
यहां देखें सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे
2013 में बनाई थी पार्टी
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