फोन टैपिंग से जुड़े आरटीआई आवेदनों पर गृह मंत्रालय ने सही से निर्णय नहीं लिया: सीआईसी
The Wire
पारदर्शिता कार्यकर्ता और इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक अपार गुप्ता ने गृह मंत्रालय में छह आरटीआई आवेदन दायर कर फोन टैंपिंग, मॉनीटरिंग, इंटरसेप्शन से संबंधित कई सूचनाएं मांगी थीं. मंत्रालय ने इससे इनकार कर दिया था. मुख्य सूचना आयुक्त वाईके सिन्हा ने मंत्रालय को निर्देश दिया कि वे इससे संबंधित तर्कपूर्ण फैसला लें और 31 जुलाई तक आयोग के सामने रिपोर्ट दायर करें.
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने फोन टैपिंग से संबंधित जानकारी सार्वजनिक नहीं करने को लेकर गृह मंत्रालय को फटकार लगाते हुए कहा है कि इसे लेकर दायर किए गए सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदनों पर ‘सही तरीके से निर्णय’ नहीं लिया गया है. मुख्य सूचना आयुक्त वाईके सिन्हा ने कहा कि इस मामले में जन सूचना अधिकारी द्वारा दी गईं दलीलें ‘विश्वास करने योग्य’ नहीं हैं और यह आयोग को संतुष्ट नहीं कर पाया है. सिन्हा ने मंत्रालय से कहा कि वे इन मामलों पर पुनर्विचार करें और तार्किकता के आधार पर निर्णय लें. पारदर्शिता कार्यकर्ता और इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (आईएफएफ) के कार्यकारी निदेशक अपार गुप्ता ने गृह मंत्रालय में छह आरटीआई आवेदन दायर कर फोन टैंपिंग, मॉनीटरिंग, इंटरसेप्शन से संबंधित कई सूचनाएं मांगी थीं. 28 दिसंबर 2019 को भेजे अपने आवेदनों में उन्होंने मंत्रालय से पूछा था कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 और सूचना प्रौद्योगिकी (जनता द्वारा सूचना के उपयोग को अवरुद्ध करने की प्रक्रिया एवं सुरक्षा उपाय) नियम 2009 के तहत एक जनवरी 2016 और 27 दिसंबर 2018 के बीच इंटरसेप्शन, फोन टैपिंग और मॉनीटरिंग के लिए विभिन्न एजेंसियों को कुल कितने आदेश पारित किए गए थे.More Related News