फोटो सेशन की कतार में पीछे, CM की रेस में रहे सबसे आगे... जानें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक कैसे पहुंचे मोहन यादव
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बीजेपी कार्यालय में सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों का फोटो सेशन हुआ था. इस फोटो सेशन में डॉ. मोहन यादव पीछे की कतार में बैठे नजर आए थे. संभावित रूप से शायद किसी को अंदाजा नहीं होगा कि मोहन यादव को पार्टी इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
मध्य प्रदेश में मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है. मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम के ऐलान ने सभी को चौंका दिया है. लेकिन इससे भी अधिक चौंकाने वाला रहा मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने का उनका सफर.
इससे पहले बीजेपी कार्यालय में नवनिर्वाचित विधायकों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों का फोटो सेशन हुआ था. इस फोटो सेशन में डॉ. मोहन यादव पीछे की कतार में बैठे नजर आए थे. संभावित रूप से शायद किसी को अंदाजा नहीं होगा कि मोहन यादव को पार्टी इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
इस तरह देखा जाए तो फोटो सेशन के दौरान तीसरी कतार में बैठे नजर आए मोहन यादव ने सीएम पद तक पहुंचने की रेस में सभी को पीछे छोड़ दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद के लिए खुद मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव हाईकमान के समक्ष रखा था. इसके बाद विधायक दल की बैठक में यादव के नाम पर मुहर लगा दी गई.
बता दें कि मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. उन्हें संघ का करीबी माना जाता है. वह शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे. वह 2013 में पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 2018 में उन्होंने दूसरी बार उज्जैन दक्षिण सीट से चुनाव जीता. मार्च 2020 में शिवराज सरकार के दोबारा बनने के बाद जुलाई में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया था. दो जुलाई 2020 को शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद सूबे की राजनीति में उनका कद बढ़ा.
उनका जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था. वह कई सालों से बीजेपी के साथ थे. इसके साथ ही वह लगातार तीसरी बार विधायक बने. उन्होंने बीजेपी के मोहन यादव ने उज्जैन दक्षिण सीट से कांग्रेस के चेतन प्रेम नारायण को 12941 वोटों से हराया था.
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