फैक्ट-चेक: अमित शाह का यह कहना ग़लत है कि सत्यपाल मलिक ने राज्यपाल रहते चुप्पी साध रखी थी
The Wire
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि मलिक की अंतरात्मा राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल ख़त्म होने के बाद जागी.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार रात को जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा उनकी सरकार पर लगाए गंभीर आरोपों का जवाब देते हुए पूछा कि राज्यपाल के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही मलिक की अंतरात्मा क्यों जागी. मलिक ने कहा था, ‘वह बहुत अंहकारी थे. जब मैंने उनसे कहा कि हमारे अपने 500 किसान मर गए हैं, और जब एक कुत्ता भी मर जाता है तो आप शोक पत्र भेजते हैं, उन्होंने पूछा, ‘क्या वे मेरे लिए मर गए?” ‘मैंने उनसे हां कहा, क्योंकि आप ही राजा हैं. खैर, मेरी उनसे लड़ाई हो गई थी. उन्होंने मुझे अमित शाह से मिलने के लिए कहा और मैं मिला भी.’ “मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई उनसे। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए तो उसने कहा कि मेरे लिए मरे हैं?” ~सत्यपाल मलिक, राज्यपाल, मेघालय pic.twitter.com/JpNaivdlXd
शाह का आरोप कि सत्यपाल मलिक ‘सत्ता में रहते हुए’ चुप रहे, इसका इंडिया टुडे टीवी के एंकर सुधीर चौधरी ने विरोध नहीं किया जबकि पुलवामा और कृषि कानून जैसे अन्य मुद्दों पर मोदी सरकार के खिलाफ मलिक की महत्वपूर्ण टिप्पणियों को व्यापक तौर पर मीडिया द्वारा कवर किया गया था- जिसमें एक ‘एक्सक्लूसिव’ सामग्री चौधरी जिस चैनल के लिए काम करते हैं, उसने भी प्रकाशित की थी. — Avadhesh Akodia (@avadheshjpr) January 3, 2022
इसलिए सवाल उठता है कि सार्वजनिक डोमेन में मौजूद तथ्य अमित शाह के दावे की सत्यता के बारे में क्या संकेत देते हैं?
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