
'फुले' विवाद पर गुस्साए अनुराग कश्यप, सेंसर बोर्ड पर भड़कते हुए बोले- आपकी क्यों सुलग रही?
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एक्टर प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म 'फुले' विवादों में घिरी हुई है. समाज सुधारक जोड़ी ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की जिंदगी पर बनी इस फिल्म की रिलीज को टाल दिया गया था. ऐसे में फिल्म 'फुले' पर सियासत गरमाई हुई है. इसे लेकर अनुराग कश्यप का गुस्सा सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन पर फूटा है.
एक्टर प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म 'फुले' विवादों में घिरी हुई है. समाज सुधारक जोड़ी ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की जिंदगी पर बनी इस फिल्म की रिलीज को टाल दिया गया था. पिक्चर पर जातिवाद फैलाने के इल्जाम लगाए गए. ऐसे में फिल्म 'फुले' पर सियासत गरमाई हुई है. अब फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने को लेकर अनुराग कश्यप का गुस्सा सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन उर्फ CBFC पर फूटा है.
अनुराग कश्यप का फूटा गुस्सा
अनुराग कश्यप ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर फिल्म के विवाद से जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए लिखा, 'मेरी जिंदगी का पहला नाटक ज्योतिबा और सावित्री बाई फुले पर था. भाई अगर इस देश में जातिवाद नहीं होता, तो उन्हें क्या जरूरत थी लड़ने की. अब ये ब्राह्मण लोगों को शर्म आ रही है या वो शर्म में मरे जा रहे हैं या फिर एक अलग ब्राह्मण भारत में जी रहे हैं जो हम देख नहीं पा रहे हैं, बेवकूफ कौन है ये कोई तो समझाए.'
अपनी अगली पोस्ट में डायरेक्टर ने लिखा, 'मेरा सवाल ये है कि जब फिल्म सेंसर बोर्ड के पास जाती है तो वहां 4 सदस्य होते हैं. ग्रुप्स और विंग्स को कैसे फिल्में पहले देखने को मिल रही हैं? पूरा सिस्टम ही खराब है.' एक और पोस्ट में अनुराग ने लिखा, 'पंजाब 95, तीस, धड़क 2, फुले. मुझे नहीं पता और कितनी फिल्में हैं जिन्हें ब्लॉक किया गया, जो जातिवादियों, क्षेत्रवादियों, नस्लभेदियों के एजेंडा को एक्सपोज करती हैं. ये शर्म की बात है कि लोग खुलकर बता भी नहीं रहे कि उन्हें फिल्म में किस चीज से दिक्कत है. कायर कहीं के.'
इंस्टा स्टोरी के अलावा अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर अलग से पोस्ट शेयर की है. इसमें उन्होंने लिखा, 'धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में जातिवाद खत्म कर दिया गया है. उसी आधार पर संतोष भी भारत में रिलीज नहीं हुई. अब ब्राह्मण को दिक्कत है फुले से. भैया, जब जातिवाद है ही नहीं है तो काहे का ब्राह्मण. कौन हो आप. आप की क्यों सुलग रही है. जब जातिवाद नहीं था तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थे. या तो आपका ब्राह्मण समाज यहां नहीं है क्योंकि मोदी जिनके हिसाब से भारत में जातिवाद नहीं है. या सब लोग मिल के सबको बेवकूफ बना रहे हैं. भाई मिलकर फैसला कर लो. भारत में जातिवाद है या नहीं. लोग बेवकूफ नहीं हैं.'
फिल्म 'फुले' को CBFC से 'यू' सर्टिफिकेट मिला था. फिल्म में सेंसर बोर्ड ने कई बदलाव करने के लिए मेकर्स को कहा था. फिल्म से 'मांग', 'महर', 'पेशवाई' जैसे शब्दों को हटवाया गया. साथ ही '3000 साल पुरानी गुलामी' डायलॉग को भी बदलकर 'कई साल पुरानी गुलामी' करवा दिया गया था. इस फिल्म को सावित्री बाई फुले की जयंती के दिन 11 अप्रैल को रिलीज होना था. अब डायरेक्टर अनंत महादेवन की ये फिल्म 25 अप्रैल को रिलीज होगी.

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