फील लाइक रोस्टेड... ये गर्मी कितनी जानलेवा? जानिए किस हद तक हमारा शरीर बर्दाश्त कर सकता है Heatwave
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Feel Like Roasted... पका हुआ है इंसान. झुलस रहे बेजुबान. सड़कें गर्म तवा बन चुकी हैं. हवा आग उगल रही है. फिर भी काम तो करना है. उसके लिए आना-जाना है. ऐसे में गर्मी से पाला पड़ना आम बात है. AC घरों और दफ्तर वालों की बात नहीं है. मजदूर और किसानों की बात है. कैसे झेल रहे हैं इतनी गर्मी?
बताइए... दिल्ली में गर्मी ने 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. गर्मी से बीमार पड़ने वालों की संख्या बढ़ रही है. अस्पतालों में हीटस्ट्रोक के मरीजों की संख्या ऊपर चढ़ते पारे के साथ बढ़ी है. अब लोग बस राहत की उम्मीद में हैं. राहत भी आसमानी चाहिए. इंतजार मॉनसून का है. अब ये कोई ऑनलाइन ऑर्डर तो है नहीं कि अभी किया और दस मिनट में आपके घर पर हाजिर. आएगा अपने समय पर...
सवाल ये है कि इंसान कितना तापमान बर्दाश्त कर सकता है. लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. कौसर उस्मान से जब यह पूछा गया कि कितनी गर्मी एक इंसान बर्दाश्त कर सकता है. तब उन्होंने बताया कि गर्मी सहने की क्षमता हर इंसान की इम्यूनिटी पर निर्भर करती है.
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डॉ. कौसर कहते हैं कि 107 फेरेनहाइट तापमान के ऊपर सर्वाइवल मुश्किल है. यानी करीब 42 डिग्री सेल्सियस. अगर इंसान लगातार इतने तापमान में रहता है, तो उसका मेटाबॉलिज्म खराब हो जाएगा. शरीर को सुरक्षित रखने वाले एंजाइम निकलना बंद हो जाएंगे. अंत में मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाएगा. और फिर मौत.
कैसे बर्दाश्त कर रहे हैं हम सब ये तापमान?
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