
'फिलिस्तीनी केफिया हटाओ या सऊदी से बाहर जाओ...' अरब फिल्ममेकर्स के साथ दुर्व्यवहार! छिड़ा विवाद
AajTak
सऊदी अरब को फिलिस्तीनी राष्ट्र का पुरजोर समर्थक माना जाता है लेकिन उसने हाल ही में एक फिल्म फेस्टिवल में फिलिस्तीनी राष्ट्र के प्रतीक केफिया पर प्रतिबंध लगा दिया. इसे लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है.
सऊदी अरब ने हाल ही में रेड सी फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया था जिसे लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, फिल्म फेस्टिवल में फिलिस्तीनी राष्ट्र का प्रतीक माने जाने वाले केफिया स्कार्फ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. फेस्टिवल में कई फिलिस्तीनी, अरब फिल्ममेकर्स और लेखक शामिल हुए थे जिन्हें केफिया पहनकर इवेंट के अंदर जाने से रोक दिया गया.
अब उन फिल्ममेकर्स ने केफिया के कारण अपने साथ हुए दुर्व्यवहार का जिक्र किया है. उनका कहना है कि उन्हें केफिया पहनकर अंदर जाने से रोका गया और जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनसे इवेंट और सऊदी अरब छोड़कर जाने के लिए कह दिया गया.
रेड सी फिल्म फेस्टिवल का आयोजन सऊदी अरब के जेद्दा शहर में किया गया था जो 30 नवंबर से 9 दिसंबर तक किया चला. यह फिल्म फेस्टिवल मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका का सबसे बड़ा फिल्म फेस्टिवल है. फिल्म फेस्टिवल में अरब और अफ्रीकन फिल्ममेकर्स बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
इस फिल्म फेस्टिवल में फिलिस्तीनी फिल्ममेकर फराह नबुलसी की पहली फिल्म 'द टीच'र को ज्यूरी प्राइज मिला. फिल्म के एक्टर सालेह बकरी को फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला. फिलिस्तीनी सिनेमा को फेस्टिवल में सराहना तो मिली लेकिन इसके कलाकारों के साथ जो व्यवहार हुआ, इससे वो बेहद निराश हैं.
'सऊदी अरब का केफिया पर प्रतिबंध लगाना हैरान करने वाला'
फिल्म फेस्टिवल में शामिल कुछ फिलिस्तीनी और अरब फिल्ममेकर्स, लेखकों और एक्टर्स ने सुरक्षा की नजरिए से नाम न बताने की शर्त पर ब्रिटेन स्थित अखबार मिडिल ईस्ट आई से बात की है. उनका कहना है कि केफिया फिलिस्तीन की आजादी की प्रतीक है और सऊदी अरब का इस पर प्रतिबंध लगाना उन्हें हैरत में डालता है.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.