फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन वैरिएंट पर काफी असरदार: स्टडी
The Quint
Pfizer-BioNTech COVID vaccine was effective against severe diseases caused by the UK and South Africa variants.फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन वैरिएंट से होने वाली मौतों को रोकने में काफी कारगर
फाइजर-बायोएनटेक कोरोनावायरस वैक्सीन गंभीर निमोनिया और ब्रिटेन और साउथ अफ्रीका- दोनों ही वैरिएंट से होने वाली मौतों को रोकने में काफी कारगर है. ये बात 2 रिसर्च के परिणाम में सामने आए हैं. 5 मई को, कतर और इजरायल की 2 स्टडी में पाया गया कि फाइजर-बायोएनटेक COVID वैक्सीन यूके और साउथ अफ्रीका वेरिएंट के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों के खिलाफ प्रभावी है. स्टडी में पता चला कि वैक्सीन बी.1.1.7(B.1.1.7) के कारण सबसे खराब परिणाम आने को रोक सकता है. इस वैरिएंट को सबसे पहले ब्रिटेन में पहचाना गया और बी.1.351(B.1.351) की पहचान पहली बार साउथ अफ्रीका में युवा और बुजुर्ग संक्रमितों में की गई.द लैंसेट में छपी स्टडी से पता चला कि 16 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के कोविड से संक्रमित होने पर फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की 2 डोज बहुत प्रभावी है. इससे संक्रमित व्यक्ति को 95.3% सुरक्षा मिलती है और दूसरी खुराक लेने के 7 दिन बाद मौत होने से रोकने में 96.7% तक कारगर है.ये वैक्सीन अस्पताल में भर्ती 85 साल या उससे ज्यादा उम्र के संक्रमित लोगों को मौत से बचाने में 94% कारगर है. इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने 24 जनवरी और 3 अप्रैल के बीच राष्ट्रीय महामारी निगरानी डेटा का इस्तेमाल कर देश में 2,32,268 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि की. इनमें सबसे ज्यादा स्ट्रेन बी.1.1.7(B.1.1.7) से संक्रमित होने के मामले थे. ये आंकड़ा 94.5% सैंपल की जांच से निकला गया.न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी दूसरी स्टडी का निष्कर्ष 1 फरवरी से 31 मार्च के बीच कतर के राष्ट्रीय कोविड डेटाबेस पर आधारित है, जिसमें 2,00,000 से ज्यादा लोगों के बारे में जानकारी दी गई है.रिसर्चर्स ने कई विश्लेषणों में पाया कि वैक्सीन 87 से 89.5% प्रभावी थे. ये उन लोगों में बी.1.1.7(B.1.1.7) के संक्रमण को रोकने में प्रभावी थे, जो दूसरी खुराक कम से कम 2 हफ्ते पहले ले चुके थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये वैक्सीन 2 हफ्तों के भीतर उन लोगों में बी.1.351(B.1.351) के संक्रमण को रोकने में 72.1 से 75% तक कारगर पाया गया.लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन विभाग के रिसर्चर एनेलिस वाइल्डर-स्मिथ ने कहा, "इस समय ये बहुत अच्छी खबर है. वैरिएंट को लेकर इस समय फैल रही चिंता के बीच हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल हम कर सकते हैं." (Subscri...More Related News