
फांसी की सजा से बचने का आखिरी तरीका है क्यूरेटिव पेटीशन, एक क्लिक में जानें पूरी डीटेल
Zee News
फांसी जैसी सजा से बचने के लिए आरोपियों द्वारा राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई जाती है उसके खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाती है. अगर वह भी खारिज हो जाए तो आखिरी तरीका जो बचता है उसे क्यूरीटिव पिटीशन कहा जाता है.
नई दिल्ली. भारत में अगल अलग तरह के अपराधों में अलग तरह की सजा का प्रावधान है. कई बार छोटे और अनजाने में हुए अपराधों में हमें केवल नसीहत देकर या छोटा मोटा जुर्माना देकर छोड़ दिया जाता है. पर भारत में गंभीर और जघन्य अपराधों के मामले में उम्रकैद या फांसी तक का प्रावधान है. हालांकि सजा के वक्त हमें यह लगता है कि जो अपराध हमने किया है हमें उसके लिए गलत सजा दी जा रही है, या फिर हम अपने किए गए अपराधों के मामले में सजा से कुछ छूट चाहते हैं. ऐसे में हम ऊपरी अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं.
क्या है क्यूरेटिव पेटीशन