
पड़ताल बताती है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोविड से हुईं मौतें सरकारी आंकड़ों से अधिक थीं
The Wire
सिटिज़न्स फॉर जस्टिस एंड पीस और स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा एकत्र डेटा बताता है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार ज़िलों, ख़ासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 2019 के मुक़ाबले महामारी के दौरान मौत के आंकड़ों में 60% की बढ़ोतरी हुई.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी भी शामिल है, पर सिटिज़न्स फॉर जस्टिस एंड पीस और स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा एकत्र किए गए मृतकों के आंकड़े और उनका विश्लेषण भयावह और चौंकाने वाली तस्वीर सामने लाता है. इसके अनुसार, राज्य में कोविड-19 महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या आश्चर्यजनक रूप से काफी अधिक है.
जिन क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया गया था, वहां जनवरी 2020 से अगस्त 2021 के दौरान मृत्यु दर में लगभग 60% का इजाफा देखा गया. यह बढ़ोतरी 2019 की अपेक्षित दर और यहां तक कि महामारी से पहले राज्य में मृत्यु दर के सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है.
यदि इन क्षेत्रों की तरह ही पूरे प्रदेश में मृत्यु दर में इसी तेज़ी के साथ वृद्धि हुई है तो पूरे राज्य में महामारी के दौरान 14 लाख के आसपास लोगों की मौत संभव है, जो संभवतः राज्य सरकार द्वारा दिए कोविड-19 मृतकों के आंकड़े- 23,000 से लगभग 60 गुना अधिक है.
ऐसे में यह आंकड़े बताते हैं कि महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज़्यादा प्रभावित और महामारी से प्रभावित राज्य रहा है. इतना ही नहीं बल्कि यह आंकड़ा राज्य में मौतों को दर्ज करने में सबसे कमजोर साबित हुए राज्य के रूप में भी चिह्नित करता है.