प्लाज़्मा थेरपी के इस्तेमाल को लेकर क्यों है डॉक्टरों की अलग-अलग राय?
BBC
इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) के वित्तीय सचिव ने कहा है कि अगर कोई डॉक्टर प्लाज़्मा थेरेपी का इस्तेमाल करना चाहता है तो बेशक वह मरीज़ की मर्ज़ी से कर सकता है.
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर के साथ-साथ जिस चीज़ की सबसे ज्यादा माँग रही वह है प्लाज़्मा. सोशल मीडिया पर भी लोग प्लाज़्मा के लिए एसओएस मैसेज शेयर करते रहे. लेकिन सोमवार को इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कोविड-19 के इलाज को लेकर जारी की गई गाइडलाइन से प्लाज़्मा थेरेपी को हटा दिया है. इसका कारण दिया गया कि प्लाज़्मा थेरेपी से मरीज़ को फ़ायदा नहीं पहुँच रहा है, लेकिन मंगलवार को इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) के वित्तीय सचिव ने कहा कि- अगर कोई डॉक्टर प्लाज़्मा थेरेपी का इस्तेमाल करना चाहता है तो बेशक वह मरीज़ की मर्ज़ी के मुताबिक़ कर सकता है. इस बयान के साथ ये सवाल पैदा होने लगा कि डॉक्टर्स के एक असोसिएशन की राय क्या देश की सबसे बड़ी मेडिकल रिसर्च कॉउंसिल से अलग है? प्लाज़्मा थेरेपी पर क्या है आईएमए का कहना? इस सवाल का जवाब जानने के लिए बीबीसी ने आईएमए के राष्ट्रीय सचिव डी. जयालाल से बात की.More Related News