प्रेस संगठन ने कश्मीरी पत्रकार की दोबारा गिरफ़्तारी की निंदा की, कहा- पीएसए का दुरुपयोग
The Wire
कश्मीरी पत्रकार आसिफ़ सुल्तान को आतंकी संगठनों से संबंध के मामले में अदालत ने पांच अप्रैल को यह कहते हुए ज़मानत दी थी कि उन्हें दोषी ठहराने के पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं. हालांकि 10 अप्रैल को उन्हें दोबारा गिरफ़्तार कर पीएसए के तहत जेल भेज दिया गया. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स का कहना है कि पत्रकारों को परेशान करने के लिए जन सुरक्षा अधिनियम का दुरुपयोग किया जा रहा है.
नई दिल्लीः पत्रकार संगठन इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) ने कश्मीरी पत्रकार आसिफ सुल्तान की दोबारा गिरफ्तारी की यह कहते हुए निंदा की कि पत्रकारों को परेशान करने और उन्हें हिरासत में लेने के लिए जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) का दुरुपयोग किया जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, सुल्तान को आपराधिक साजिश रचने, आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में अगस्त 2018 में गिरफ्तार होने के बाद यूएपीए के तहत लगभग चार सालों तक हिरासत में रखा गया.
उन्हें विशेष एनआईए अदालत द्वारा पांच अप्रैल को जमानत दी गई,तब अदालत ने कहा कि किसी भी आतंकी संगठन से उनके संबंधों को सिद्ध करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त साक्ष्य नहीं थे.
हालांकि, पुलिस ने कुछ दिनों बाद ही 10 अप्रैल को उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया और इस बार पीएसए के तहत जम्मू की कोट भलवाल जेल में रखा.