प्रेम दिवानी या पाकिस्तानी जासूस... सीमा हैदर का सच जानने के लिए इन सवालों के जवाब तलाशेगी UP ATS
AajTak
नोएडा पुलिस ने लखनऊ हेडक्वार्टर को सिफारिश भेजी थी कि सीमा का सच पता करने के लिए किसी ऐसी एजेंसी को जांच सौंपी जाए, जो सीमा लांघ कर सच्चाई का पता लगा सके. और बस इसीलिए यूपी एटीएस यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वायड को सीमा और सचिन की मुहब्बत की जांच का जिम्मा सौंप दिया गया.
Seema Haider - Sachin Love Story: इस कहानी में एक हेड है, एक टेल. इस दास्तान में एक माशूक है, एक जासूस. इस स्टोरी में एक मुहब्बत है और एक साज़िश. कुल मिलाकर देखें तो कहानी बिल्कुल सीधी है. और समझें तो बेहद उलझी हुई. और इस उलझन का नाम है सीमा हैदर या फिर यूं कहें कि सीमा ठाकुर. बेहद उलझी हुई इस उलझन को सुलझाने के लिए नोएडा पुलिस को भारत की सीमा लांघ कर पाकिस्तान, शारजाह होते हुए नेपाल तक को खंगालना जरूरी था.
इश्क या जासूसी?
जाहिर है किसी लोकल पुलिस के लिए ये मुमकिन नहीं था. बस इसीलिए नोएडा पुलिस ने लखनऊ हेडक्वार्टर को एक सिफारिश भेजी. सिफारिश ये कि सीमा का सच पता करने के लिए किसी ऐसी एजेंसी को जांच सौंपी जाए, जो सीमा लांघ कर सच्चाई का पता लगा सके. और बस इसीलिए आतंक और आतंकवादियों की जांच करने वाली यूपी एटीएस यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वायड को सीमा और सचिन की मुहब्बत की जांच का जिम्मा सौंप दिया गया. जी हां, सीमा सचमुच मुहब्बत की मारी है या फिर इश्क का नकाब पहने पाकिस्तानी जासूस, इसकी जांच अब यूपी एटीएस करेगी.
क्या है इस प्रेम कहानी का सच?
जांच की जिम्मेदारी मिलने के फौरन बाद यूपी एटीएस की टीम ने सोमवार को पाकिस्तान से भागकर भारत आई सीमा हैदर, उसके प्रेमी सचिन और सचिन के पिता से लंबी पूछताछ की है. यूपी एटीएस सीमा और सचिन की इस प्रेमी कहानी का सच सामने लाना चाहती है. एटीएस इस मामले के हर पहलू की छानबीन में जुट गई है. एटीएस की टीम इस मामले में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती, लिहाजा जांच का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है.
नोएडा पुलिस की मांग के बाद शासन ने इस मामले की छानबीन यूपी एटीएस के हवाले की है. इस दौरान एटीएस को कुछ खास बातें पता लगानी हैं. मसलन-
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.