प्रियंका गांधी की सक्रियता से यूपी में कांग्रेस से ज़्यादा फ़ायदा बीजेपी को होगा?
BBC
बीते रविवार की रात साढ़े बारह बजे लखनऊ की सड़कों पर पैदल निकलने से शुरू हुआ प्रियंका गांधी का सिलसिला इस रविवार को प्रधानमंत्री के क्षेत्र वाराणसी में किसान न्याय रैली तक पहुँचा है.
बीते एक सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश की राजनीति में जिस एक नेता की सर्वाधिक चर्चा हो रही है तो वो हैं, प्रियंका गांधी.
यूपी के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस एक सप्ताह के दौरान प्रियंका गांधी ने शायद उतना कुछ कर दिखाया है जितना वह अब तक के अपने पूरे राजनीतिक करियर में नहीं कर पायी थीं.
हालांकि उन्हें प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हुए बहुत दिन नहीं हुए हैं. अमेठी और रायबरेली की पारिवारिक सीटों से बाहर निकल कर पहली बार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी सक्रिय हुई थीं.
लेकिन ऐसे बहुत कम ही मौक़े रहें हैं जब प्रियंका गांधी कांग्रेस की ओर से लड़ती भिड़ती दिखी हैं लेकिन लखीमपुर मामले में उन्होंने सड़क पर उतरने का फ़ैसला किया.
बीते रविवार (तीन अक्टूबर) की रात साढ़े बारह बजे लखनऊ की सड़कों पर पैदल निकलने से शुरू हुआ उनका सिलसिला इस रविवार (10 अक्टूबर) को प्रधानमंत्री के क्षेत्र वाराणसी में किसान न्याय रैली तक पहुँचा है. प्रधानमंत्री के क्षेत्र में उम्मीद से कहीं ज़्यादा बड़ी भीड़ थी लेकिन यह भीड़ कांग्रेसी दावे जितनी भी नहीं थी.