![प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने क़ानूनी शिक्षा में लड़कियों के लिए आरक्षण की हिमायत की](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2021/08/CJI-NV-Ramana-SCBA-YT.jpg)
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने क़ानूनी शिक्षा में लड़कियों के लिए आरक्षण की हिमायत की
The Wire
पहले अंतराष्ट्रीय महिला न्यायाधीश दिवस के उपलक्ष्य में प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि वर्तमान में शीर्ष अदालत में चार महिला न्यायाधीश हैं, जो इसके इतिहास में अब तक की सबसे अधिक संख्या है और निकट भविष्य में भारत पहली महिला प्रधान न्यायाधीश का गवाह बनेगा.
नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने लड़कियों के लिए कानूनी शिक्षा में आरक्षण की पुरजोर पैरवी करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि आंकड़े साबित करते हैं कि इस तरह के प्रावधान से जिला स्तर पर महिला न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति में ‘उत्साहजनक परिणाम’ मिले हैं.
उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आरक्षण के जरिये तेलंगाना ने 52 प्रतिशत, असम ने 46 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश ने 45 प्रतिशत, ओडिशा ने 42 प्रतिशत और राजस्थान ने 40 प्रतिशत महिला न्यायिक अधिकारियों के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है.
पहले ‘अंतराष्ट्रीय महिला न्यायाधीश दिवस’ के उपलक्ष्य में उच्चतम न्यायालय में आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधन में जस्टिस रमना ने कहा, ‘मैं दृढ़ता से महसूस करता हूं कि महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने की नीति को सभी स्तरों पर और सभी राज्यों में दोहराने की आवश्यकता है.’
उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिला अधिवक्ताओं द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कार्ल मार्क्स के एक प्रसिद्ध कथन के आधार पर कहा था, ‘दुनिया की महिलाओं, एकजुट हो जाओ, आपके पास जंजीरों के अलावा खोने के लिए कुछ भी नहीं है.’