प्रधानमंत्री मोदी का डिग्री विवाद: विश्वविद्यालय ने आरटीआई के तहत जवाब नहीं देने का बचाव किया
The Wire
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री की जानकारी से संबंधित याचिका पर गुजराज हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री द्वारा प्राप्त डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी प्रदान करें. जुलाई 2016 में हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.
अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिग्री संबंधी विवाद को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय ने बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट से कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून का इस्तेमाल किसी की ‘बचकाना जिज्ञासा’ को संतुष्ट करने के लिए नहीं किया जा सकता.
विश्वविद्यालय ने याचिका दायर कर आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री की जानकारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपलब्ध कराने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है.
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के सात साल पुराने आदेश का पालन नहीं करने के लिए आरटीआई अधिनियम के तहत दिए गए अपवादों का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि केवल इसलिए कि कोई सार्वजनिक पद पर है, कोई व्यक्ति उनकी ऐसी निजी जानकारी नहीं मांग सकता है, जो उनकी सार्वजनिक जीवन/गतिविधि से संबंधित नहीं है.
मेहता ने दलील दी कि प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में जानकारी ‘पहले से ही सार्वजनिक रूप पर उपलब्ध है’ और विश्वविद्यालय ने पूर्व में अपनी वेबसाइट पर विवरण भी पेश किया था.