प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए क्या कर रहा दिल्ली नगर निगम? महापौर शैली ओबेरॉय ने बताया
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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से बुरा हाल है. इस बीच केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ दिल्ली नगर-निगम भी प्रदूषण से निपटने के लिए जरूरी कदम उठा रही है. दिल्ली की मेयर शैली ओबेराय से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि दिल्ली नगर निगम आखिर क्या कोशिशें कर रही है.
दिल्ली में प्रदूषण से हालात खराब हैं. नवंबर की शुरुआत में ही राजधानी में AQI बेहद खराब श्रेणी में है. जिन इलाकों को हॉट स्पॉट के रूप में चुना गया है, उनमें से एक आरकेपुरम है. आरके पुरम क्षेत्र में अधिकांश प्रदूषण रिंग रोड और सरकारी कार्यालयों के पास सड़कों पर भारी यातायात के कारण होता है. इसीलिए एमसीडी साउथ जोन में निर्माण स्थलों पर चल रही निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू कर रही है.
ऐसे में सिविक एजेंसी दिवाली से पहले अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में धूल निवारक पाउडर के साथ बड़े स्तर पर पानी का छिड़काव कर रही है. मंगलवार को दिल्ली की मेयर डॉ. ली ओबेरॉय ने दक्षिणी दिल्ली के आरकेपुरम इलाके के सेक्टर 2 में स्थित केंद्रीय विद्यालय स्कूल के हॉटस्पॉट का निरीक्षण किया और राजधानी दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के स्तर की स्थिति का जायजा लिया.
सी एंड डी वेस्ट मैंनेजमेंट
एमसीडी ने निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट डंपिंग और खुले में जलाने पर प्रतिबंध को सुनिश्चित करने के लिए 1100 से अधिक अधिकारियों सहित 517 निगरानी टीमों को तैनात किया है. मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि एमसीडी ने प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाने के उपाय करने के लिए 12 जोनों में से प्रत्येक को 20 लाख रुपये आवंटित किए हैं. प्रदूषण का बढ़ता स्तर फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए गंभीर चिंता का विषय है. उल्लंघनकर्ताओं पर नकेल कसने के लिए एमसीडी टीमों को जमीन पर तैनात किया गया है, खुले में कुछ जलाने पर 25,000 रुपये तक का चालान और सी एंड डी अपशिष्ट नियमों के उल्लंघन पर 10 लाख रुपये तक का चालान काटा गया है.
सड़कों की साफ-सफाई पर फोकस
शैली ने आगे बताया कि क्षेत्र से सी एंड डी कचरा एकत्र किया जाएगा. इसके अलावा अधिकारियों को आरके पुरम क्षेत्र में सड़कों की सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा कि सड़क किनारे कूड़ा-कचरा जमा न हो.