'प्रदर्शन नहीं बल्कि दर्शन...', खजुराहो के मंदिरों को लेकर धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान
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खजुराहो (Khajuraho) के चंदेल कालीन मंदिरों को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इन मंदिरों की मूर्तियां प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि दर्शन के लिए खोल देनी चाहिए. कहने का मतलब है कि यहां के मंदिरों में पूजा पाठ होनी चाहिए. उनके इस बयान का समर्थन खजुराहो के मतंगेश्वर मंदिर के पुजारियों ने भी किया है.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) कथा के साथ ही अपने बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं. इसी कड़ी में एक बार फिर उन्होंने एक ऐसा बयान दिया जिसकी काफी चर्चा हो रही है. ये बयान खजुराहो के चंदेल कालीन मंदिरों से जुड़ा हुआ है. जिसका कई मंदिरों के पुजारी समर्थन भी कर रहे हैं.
दरअसल, खजुराहो के चंदेल कालीन मंदिरों (Chandela Era Temples) को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इन मंदिरों की मूर्तियां प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि दर्शन के लिए खोल देनी चाहिए. कहने का मतलब है कि यहां के मंदिरों में पूजा पाठ होनी चाहिए. उनके इस बयान का समर्थन खजुराहो के मतंगेश्वर मंदिर के पुजारियों ने भी किया है.
'धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अगर यह बात कही है तो सही है'
पुजारियों का कहना है कि यह बात हम लोगों ने पहले भी रखी थी. मगर अधिकारी अनुमति नहीं देते. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अगर यह बात कही है तो सही है. यहां के मंदिरों में पूजा होनी चाहिए. मगर यहां के चंदेल कालीन मंदिरों में जो मूर्तियां रखी हैं, वो खंडित हैं.
पर्यटन विभाग करता है इन मंदिरों का रखरखाव
इस कारण पूजा नहीं होती और लोग पर्यटक के रूप में मंदिरों को देखने के लिए आते हैं. बता दें कि इन मंदिरों का रखरखाव पर्यटन विभाग (Department of Tourism) करता है. अब देखने वाली बात ये है कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान के बाद प्रशासन क्या विचार करता है और एक्शन लेता है.
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