
पोप फ्रांसिस की हालत गंभीर, क्या एशिया या अफ्रीका से हो सकता है अगला वेटिकन लीडर?
AajTak
पोप फ्रांसिस की नाजुक सेहत के बीच चर्चाएं चल रही हैं कि रोमन कैथोलिक चर्च का अगला लीडर कौन हो सकता है. वेटिकन सिटी में अब तक एशियाई या अफ्रीकी मूल के पोप नहीं पहुंचे, जबकि दोनों ही कॉन्टिनेंट्स में ग्लोबल कैथोलिक आबादी का 31 फीसदी हिस्सा बसा हुआ है, वो भी तब जबकि चीन के कैथोलिक्स इसमें शामिल नहीं.
पोप फ्रांसिस लंबे समय से व्हीलचेयर पर काम कर रहे थे. हाल में वे वेटिकन सिटी से लगभग तीस हजार किलोमीटर की यात्रा पर गए थे. तभी से बात होने लगी कि क्या इस उम्र में पोप इतनी सारी जिम्मेदारियों के लिए फिट रह सकेंगे. अब वे लगभग 10 दिनों से अस्पताल में हैं. इस बीच नए पोप के चेहरे और देश पर कयास लगने लगे. क्या इस बार एशिया या अफ्रीका से भी कोई वेटिकन पहुंच सकता है?
पोप फ्रांसिस से साथ टूटी परंपरा वर्तमान पोप पहले साउथ अमेरिकन पोप होने के साथ ही जेसुइट समुदाय से जुड़े पहले वेटिकन लीडर हैं. अर्जेंटिना में जन्मे पोप को बाकियों से अलग काफी उदारवादी माना जाता है. उन्होंने कैथोलिक चर्च की सोच से अलग समलैंगिक लोगों का सपोर्ट किया था. वे चर्चों में होने वाले बाल यौन शोषण के खिलाफ भी लगातार बोलते रहे.
पोप की मौत हो जाए तब क्या होता है अस्पताल में डॉक्टरों का कहना ही काफी नहीं, पोप की मृत्यु के बाद वेटिकन में कई नियम पालने होते हैं. जैसे, चर्च का कोषाध्यक्ष (कैमरलेंगो) पोप के बपतिस्मा नाम को लगातार तीन बार रुक-रुककर पुकारेगा. अगर कोई प्रतिक्रिया न आए तो पोप को आधिकारिक तौर पर मृत मान लिया जाता है. इसके बाद पोप का अपार्टमेंट सील कर दिया जाता है और शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाता है.
इस तरह होता है नए पोप का चुनाव कैमरलेंगो एक बैठक बुलाते हैं, जिसमें 80 साल से कम उम्र के सभी कार्डिनल्स जमा होते हैं. ये सारी प्रोसेस काफी खुफिया तरीके से की जाती है और वोट करने वाले कार्डिनल्स से सीक्रेसी की शपथ भी दिलवाई जाती है. उनका बाहरी दुनिया से संपर्क खत्म कर दिया जाता है ताकि इलेक्शन में कोई दखल न रहे. कार्डिनल्स वोट करते हैं और दो-तिहाई बहुमत पाने वाले को पोप का दर्जा मिल जाता है. कार्डिनल चैपल यानी वो इमारत जहां मतदान चल रहा हो, वोटिंग के दौरान वहां से काला धुआं निकलता रहता है, जो चुनाव के बाद सफेद धुएं में बदल जाता है. यही आधिकारिक एलान है कि नए पोप का चयन हो चुका.
क्या नॉन-वाइट पोप भी हो सकते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है, न्यूट्रल नहीं. मोदी ने दावा किया कि भारत बुद्ध और गांधी की भूमि होने के कारण विश्व उसे सुनता है. उन्होंने कहा कि युद्ध का समाधान युद्धभूमि में नहीं, बल्कि वार्ता की मेज पर ही निकलेगा. प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ पर युद्ध के प्रभाव का भी जिक्र किया.

पाकिस्तान में हाल ही में हुए आतंकी हमलों पर एक टीवी डिबेट में पाकिस्तानी मीडिया प्रतिनिधि शाह जी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना फेल नहीं हो रही है. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार है और इसकी जड़ें हिंदुस्तान में हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ रहा है और इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक बार फिर पाकिस्तान सेना को निशाना बनाया. BLA के लड़ाकू ने क्वेटा से ताफ्तान जा रहे सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला किया. काफिले में 7 बस और 2 वाहन शामिल थे. बीएलए ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए 90 पाकिस्तानी सेनाओं को मारने का दावा किया. देखें न्यूज बुलेटिन.

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना पर 4 दिन के भीतर दो बड़े हमले किए हैं. अब ताजा हमला क्वेटा से ताप्तान जा रहे पाकिस्तानी सैनिकों पर हुआ है. BLA ने दावा किया है कि उसने 90 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है. देखें BLA के इस दावे पर रक्षा विशेषज्ञ संजय कुलकर्णी का क्या मानना है.

'हमले का जवाब हमले से, यमनी सेना पूरी तरह तैयार...', ट्रंप की एयरस्ट्राइक के बाद हूती का खुला चैलेंज
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यमन में ईरान-समर्थित हूतियों पर बड़ा हमला किया, जिसमें कम से कम 32 लोग मारे गए. हूतियों ने इस हमले को

भयंकर तूफान ने अमेरिका के कई राज्यों में भारी तबाही मचाई है, जिसके कारण कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई है. मिसिसिपी के गवर्नर टेट रीव्स ने घोषणा की कि तीन काउंटियों में छह लोगों की मौत हो गई और तीन और लोग लापता हैं. उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर रात के समय पोस्ट में बताया कि पूरे राज्य में 29 लोग घायल हुए हैं. अर्कांसस में तीन लोगों की मौत हुई है और आठ काउंटियों में 29 लोग घायल हुए हैं. टे