
पॉलीग्राफ में आफताब ने दिया चकमा, 5 सबूतों में एक का मिलना नामुमकिन! अब नार्को टेस्ट पर पुलिस की नजर
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देश को हिला देने वाले श्रद्धा मर्डर केस को अंजाम देने वाला आफताब तीन दिन तक पॉलीग्राफ टेस्ट का सामना करने के बाद जेल पहुंचा है. पॉलीग्राफ टेस्ट में भी सवालों का सही जवाब न देकर वह पुलिस को चकमा दे चुका है. अब इस केस के खुलासे की उम्मीदें नार्को टेस्ट पर टिकी हैं.
श्रद्धा को टुकड़े-टुकड़े करके आफताब बेफिक्र था. उसे पूरा भरोसा था कि वो पुलिस-कानून, सबको धोखा देने में कामयाब हो जाएगा. मगर छह महीने तक आजादी की सांस लेने वाला आफताब अब सलाखों के पीछे है. आरोपी को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है. यहां की जेल नंबर चार में उसके गुनाहों का हिसाब किताब हो रहा है. देश को हिला देने वाले कत्ल को अंजाम देने वाला आफताब तीन दिन तक पॉलीग्राफ टेस्ट का सामना करने के बाद जेल पहुंचा है. 28 नवंबर को सोमवार को एक बार फिर उसका पॉलीग्राफ टेस्ट होना है, जिसमें बचे हुए सवाल पूछे जाएंगे. हालांकि अभी तक पूछे गए सवालों का सही जवाब न देकर वह पुलिस को चकमा दे चुका है. जिसके बाद अब इस केस के खुलासे की उम्मीदें नार्को टेस्ट पर टिकी हैं.
अफताब का नार्को टेस्ट करने वाले डॉक्टर ने आजतक से खास बातचीत की. अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर नवीन आफताब का नार्को टेस्ट करने वाले पैनल को लीड करेंगे. उन्होंने बताया कि नार्को टेस्ट को लेकर आफताब का मेडिकल टेस्ट अंबेडकर अस्पताल में ही करवाया गया है. शनिवार को हुए टेस्ट की रिपोर्ट सोमवार को नार्को टेस्ट करने वाले डॉक्टरों को मिलेगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा कि नार्को टेस्ट कब होगा. फिलहाल उसकी तारीख तय नहीं है. नार्को टेस्ट में मेरे साथ एक और डॉक्टर होंगे. उनके अलावा FSL की टीम भी होगी और साथ ही फोटो डिविजन होता है. डॉक्टर के पैनल में एनेस्थिया के एक और डॉक्टर साथ होंगे. वह भी एनेस्थिया के डॉक्टर हैं.
पॉलीग्राफ टेस्ट में पूछे जाएंगे बचे हुए सवाल
FSSL के सहायक निदेशक व पीआरओ संजीव गुप्ता ने बताया कि आफताब का सोमवार को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. पॉलीग्राफ टेस्ट में कई सेशन होते हैं, जो शेष बचे थे, वही पूरे किए जाएंगे. पिछला सेशन जब हुआ था, तो सेहत संबंधित परेशानी थी. इस वजह से कुछ रह गया था. नार्को टेस्ट के लिए हमारा लैब और हमारी तैयारी पूरी है. ये कब होगा, इसकी जानकारी हमें नहीं है. अफताब टेस्ट के दौरान सहयोग कर रहा है या नहीं, ये हम जांच एजेंसी को ही बताएंगे, ये गोपनीय मामला है.
बता दें कि पुलिस को अभी आफताब पर शिकंजा कसने के लिए कई सबूत तलाशने होंगे. जिन सबूतों से सबसे बड़ी मदद मिल सकती थी, वो अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं. पांच अहम सुरागों में एक श्रद्धा का मोबाइल मिलना नामुमकिन नजर आ रहा है. कारण, मुंबई की जिस भायंदर की खाड़ी में कथित तौर पर आफताब ने श्रद्धा का मोबाइल फेंका था, उसमें तलाशी रोक दी गई है. क्योंकि पुलिस ने समुद्र विज्ञान के जानकार लोगों की सलाह ली गयी है. जिनका कहना है कि मोबाइल का अब उसी जगह पर होना नामुमकिन है.
पुलिस को अब भी इन पांच अहम सुरागों की तलाश-

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