पैरोल पर पैरोल... रेप का दोषी राम रहीम एक-दो नहीं 7वीं बार जेल से बाहर... उठ रहे सवाल
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रेप और हत्या के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को एक बार फिर 30 दिन की पैरोल मिल गई है. रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम को पहले भी 6 बार पैरोल मिल चुकी है. इस बार भी वह बागपत स्थित अपने आश्रम में ही रहेगा.
हत्या एवं बलात्कार के दोषी डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 30 दिन की एक और पैरोल मिल गई है और वह सुनारिया जेल से बाहर आ गया है. हालांकि इस बार उन्हें डेरा मुख्यालय में जाने की इजाजत नहीं होगी. यह पहली बार नहीं है जब राम रहीम को इस तरह की पैरोल मिली हो, इससे पहले भी राम रहीम को छह बार पैरोल दी जा चुकी है और लगातार पैरोल मिलने को लेकर सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं.
6 बार पहले आ चुका है जेल से बाहर
पैरोल देना राज्य का अधिकार होता है और यह यह जेल में कैदी के अच्छे व्यवहार के तहत दी जाती है. 2017 में सजा सुनाए जाने के बाद से गुरमीत राम रहीम अब तक कुल 6 बार जेल से बाहर आ चुका है. अपनी दो शिष्याओं के साथ रेप के आरोप में 20 साल और हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे राम रहीम को इसी साल 21 जनवरी को भी 40 दिन की पैरोल मिली थी और तब वह पैरोल अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहा था.
उठते रहे हैं सवाल
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त और सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने डेरा प्रमुख को पैरोल दिए जाने का कड़ा विरोध किया। एसजीपीसी प्रमुख एचएस धामी ने मांग की कि पैरोल रद्द की जानी चाहिए. एक वीडियो संदेश में, अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि हत्या और बलात्कार के मामलों में जेल में बंद गुरमीत राम रहीम सिंह को फिर से पैरोल दी गई है और 'खालसा पंथ' इस पर कड़ी आपत्ति जताता है. उन्होंने कहा, एक तरफ उन्हें (डेरा प्रमुख को) नियमित आधार पर पैरोल दी जा रही है, वहीं दूसरी तरफ जेलों में 30 साल से अधिक समय बिता चुके बंदी सिंहों (सिख कैदियों) को रिहा नहीं किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख को नियमित आधार पर पैरोल देकर सरकार सिख समुदाय को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है. एसजीपीसी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकारें अपने राजनीतिक हितों के लिए गुरमीत राम रहीम सिंह के जघन्य अपराधों पर आंखें मूंद रही हैं और उन्हें बार-बार रिहा कर रही हैं.
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