पैग़ंबर मोहम्मद मामले में अजित डोभाल पर ईरान का यह दावा कितना सही
BBC
ईरानी विदेश मंत्री और भारत के एनएसए अजित डोभाल के बीच क्या बातचीत हुई, इसे लेकर विवाद हो गया है. बाद में ईरान ने अपना दावा वापस ले लिया लेकिन ये सब हुआ कैसे?
ईरान के विदेश मंत्री एच आमिर अब्दोल्लाहिअन भारत दौरे पर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से बुधवार को बातचीत के बाद कहा कि दोनों देशों के बीच धार्मिक और इस्लामिक पवित्रता के सम्मान के अलावा विभाजनकारी बयानों से बचने पर सहमति बनी है.
ईरान उन इस्लामिक देशों में शामिल है, जिसने बीजेपी के दो प्रवक्ताओं की पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की निंदा करते हुए भारत के राजदूत को समन किया था. इस्लामिक देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद बीजेपी ने अपने दोनों प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निकाल दिया था.
बुधवार की रात ईरानी विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा है, ''प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य भारतीय अधिकारियों से द्विपक्षीय रणनीतिक संवाद को लेकर हुई बैठक में मिलकर ख़ुशी हुई. तेहरान और नई दिल्ली के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि दोनों देश धार्मिक और इस्लामिक पवित्रता के सम्मान और विभाजनकारी बयानों से बचने की ज़रूरत पर सहमत हुए हैं. ईरान भारत के साथ रिश्ते को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है.''
ईरान के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि भारत में शीर्ष के शिया और सुन्नी स्कॉलरों के साथ ईरानी विदेशी मंत्री की बैठक हुई. इस बैठक में ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी बात पैग़ंबर मोहम्मद के अपमान को लेकर भी बात हुई और उन्होंने इसे लेकर गंभीर चिंता जताई है.