
पेरिस में सैयद हैदर रज़ा के चित्रों की एकल प्रदर्शनी शुरू हुई
The Wire
फ्रांस के पेरिस शहर में भारतीय चित्रकार सैयद हैदर रज़ा के चित्रों की प्रदर्शनी आरंभ हो चुकी है. यह किसी भी भारतीय चित्रकार की अब तक की सबसे लंबे समय तक चलने वाली प्रदर्शनी है, जो 14 फरवरी से शुरू होकर 15 मई तक चलेगी.
पेरिस: फ्रांस कला और सौंदर्य को समर्पित देश है और फ्रांस के खूबसूरत शहर पेरिस में इस माह रज़ा शती के रूप में भारतीय चित्रकार सैयद हैदर रज़ा के चित्रों की अब तक की सबसे लंबे समय तक आयोजित होने वाली प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया. यह प्रदर्शनी एक भारतीय चित्रकार के संघर्ष, जीवन और रंगों के प्रति उसकी आस्था और जीवन दर्शन का प्रतीक है.
रज़ा फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी, सुपरिचित कवि, लेखक, आलोचक और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी के वर्षों के अथक प्रयासों के निर्णायक दिवस के रूप में रज़ा के मक़बूल चित्रों की प्रदर्शनी पेरिस के भव्य और प्रतिष्ठित सेंटर द पाम्पिदू में 14 फरवरी से 15 मई तक चलेगी. इस प्रदर्शनी में रज़ा के चित्रों के साथ ही उनके अभिलेखागार से कुछ महत्वपूर्ण तस्वीरें, कैटलॉग्स, साथी कलाकारों के साथ उनके पत्राचार आदि भी इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित किए गए, जिनमें विश्व भर से संयोजित कुल 92 कलाकृतियां और 83 दस्तावेज़ शामिल हैं. इन सभी संबंंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों को विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किया गया है.
रज़ा अपने चित्रों में फॉर्म्स को लेकर हमेशा सचेत रहे और समय के साथ उन्होंने अपनी फॉर्म्स को लगातार कार्य किया. उनके कला-बोध के गहन परिप्रेक्ष्य में आधुनिकता के रूपायन में फ्रांस की भूमिका बहुत अहम रही है. पेरिस में कई वर्षों तक उन्होंने एक मान्य चित्रकार के रूप में कार्य किया. लेकिन अपनी कला के बरक्स वे लगातार ऊंचे आदर्शों की खोज में रहे.
इस खोज में उन्होंने सेज़ान के कार्य का गंभीरतापूर्ण अध्यन्न किया और ब्रश के स्ट्रोक से लेकर रंगों के रचना विधान को सावधानीपूर्वक समझने का प्रयास किया. उन्होंने पेरिस में रंगों के प्रति जिस नवीन शैली को ख़ुद में अनुभूत किया उसे भारतीय रचना परंपरा के मूल स्वभाव के साथ विलय कर उन्होंने अपने लिए एक अलग फॉर्म की खोज की. यह वही समय था जब वे ‘बिंदु’ रचने की ओर बढ़ रहे थे.