पेपर लीक हुआ, या हुई नकल तो आएगी शामत...REET परीक्षा को लेकर सीएम गहलोत की हिदायत
AajTak
गहलोत ने सभी अभ्यर्थियों को रीट परीक्षा में शामिल होने के लिए फ्री यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया. उन्होंने आदेश दिया कि रोडवेज बसों के अलावा निजी बसों की व्यवस्था कर अभ्यर्थियों को फ्री यात्रा की सुविधा दी जाए. साथ ही पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी और नकल जैसे मामलों में संलिप्त कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाए.
राजस्थान टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (REET) को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को एक अच्च स्तरीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कड़े शब्दों में हिदायत दी है कि परीक्षा को लेकर इंतजामों में किसी तरह की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होने कहा, पेपर लीक और नकल हुई, तो इसमें संलिप्त सरकारी कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया जाएगा. साथ ही स्कूल के संचालक की भूमिका सामने आने पर स्कूल की मान्यता स्थाई तौर पर रद्द कर दी जाएगी.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.