
पेगासस स्पाईवेयर मामला भारत के लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक क्यों?
BBC
ये पहली बार नहीं है कि इसराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाईवेयर का जिक्र पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने को लेकर हुआ है.
"इसमें कोई शक नहीं है कि आपकी निजता का उल्लंघन हुआ है. ये एक ऐसी जबरन घुसपैठ है जिस पर यकीन करना मुश्किल लगता है. किसी को ये दिन देखना न पड़े." न्यूज़ वेबसाइट 'द वायर' के सहसंस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन ने पेगासस मामले पर ये बात कही. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ सिद्धार्थ वरदराजन भी दुनिया भर के उन कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, राजनेताओं और वकीलों में शामिल हैं जो जासूसी सॉफ़्टवेयर 'पेगासस' के निशाने पर थे. एक इसराइली कंपनी 'एनएसओ ग्रुप' ये स्पाईवेयर अलग-अलग देशों की सरकारों को बेचती है. न्यूज़ वेबसाइट 'द वायर' के अनुसार कंपनी के क्लाइंट्स की जिन लोगों में दिलचस्पी थी, उनसे जुड़े 50,000 नंबरों का एक डेटाबेस लीक हुआ है और उसमें 300 से ज़्यादा नंबर भारतीय लोगों के हैं.More Related News