पेगासस जासूसी पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते आदेश के दिए संकेत, मामले की निष्पक्ष जांच की है मांग
ABP News
नोटिसे के जवाब में पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि उसने आयोग का गठन इसलिए किया क्योंकि केंद्र ने जांच शुरू नहीं की है. ऐसा करने का राज्य को अधिकार है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि वह अगले हफ्ते पेगासस जासूसी मामले की जांच पर आदेश दे सकता है. मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से आयोग के गठन का विरोध करने वाली याचिका को आज कोर्ट ने बाकी मामलों के साथ लगाने का निर्देश दिया. इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, "यह राष्ट्रव्यापी मसला है. हम पूरे मामले को अगले हफ्ते देखेंगे. इस याचिका को भी बाकी याचिकाओं के साथ लगाया जाए." सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए 15 याचिकाएं लंबित हैं. इनके जवाब में केंद्र सरकार ने एक विशेषज्ञ कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया है. कोर्ट ने 17 अगस्त को केंद्र को विस्तृत जवाब का समय देते हुए सुनवाई 10 दिन के लिए टाली थी. इस बीच 18 अगस्त को इसी से जुड़ा एक और मामला सुप्रीम कोर्ट में लगा. ग्लोबल विलेज फाउंडेशन नाम के संगठन की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने अपनी तरफ से एक न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है. इसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर और कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को रखा गया है. लेकिन एक राज्य को इस तरह के आयोग के गठन का अधिकार ही नहीं है. राज्य सरकार सिर्फ राज्य सूची और समवर्ती सूची के ऐसे विषयों की जांच कर सकती है, जो उसके भौगोलिक दायरे में आते हैं. यह कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट के प्रावधानों पर भी खरा नहीं उतरता.More Related News