
पेंशन घोटाला: एमपी सरकार ने 17 साल तक नहीं दी मुकदमे की मंज़ूरी, विजयवर्गीय के ख़िलाफ़ केस बंद
The Wire
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर के महापौर रहते के दौरान नगर निगम द्वारा अपात्रों, काल्पनिक नाम वाले लोगों और मृतकों तक को पेंशन का बेजा लाभ दिए जाने से सरकारी ख़जाने को 33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
प्रदेश कांग्रेस इकाई के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने 33 करोड़ रुपये के इस कथित घोटाले को लेकर यह शिकायत दायर की थी. बीजेपी ने अपने नेता को बचाया,— कैलाश विजयवर्गीय के पेंशन घोटाले में सरकार ने अभियोजन की अनुमति नहीं दी, केस ख़त्म।
विशेष न्यायाधीश मुकेश नाथ ने राज्य सरकार द्वारा विजयवर्गीय और अन्य तत्कालीन लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के अभाव का हवाला देते हुए शिकायत की कार्यवाही खत्म करने का आदेश 29 अगस्त (सोमवार) को जारी किया. शिवराज जी,ऐसे लड़ोगे भ्रष्टाचारियों से ❓
आदेश में कहा गया कि अभियोजन स्वीकृति की प्रत्याशा में शिकायत पर आगामी कार्यवाही नहीं की जा सकती है और मामले को अनंतकाल तक लंबित भी नहीं रखा जा सकता. “शवराज का जंगलराज” pic.twitter.com/kKVTBhZTz8
विशेष अदालत ने हालांकि अपने आदेश में जोड़ा कि अगर शिकायतकर्ता को प्रदेश सरकार की अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होती है, तो वह इस मामले में अदालती कार्यवाही बहाल कराने के लिए स्वतंत्र है. — MP Congress (@INCMP) September 2, 2022