पूर्व PM देवगौड़ा को कोर्ट ने दिया 2 करोड़ हर्जाने का निर्देष
The Quint
HD Deve Gowda| एनआईसीई के खिलाफ अपमानजनक बयान के लिए कंपनी को हर्जाने के रूप में दो करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है.Former Prime Minister HD Deve Gowda to pay 2 cr damages to NICE court order
कर्नाटक के बेंगलुरु में आठवीं सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा को नंदी इंफ्रास्ट्रक्च र कॉरिडोर एंटरप्राइजेज (एनआईसीई) के खिलाफ अपमानजनक बयान के लिए कंपनी को हर्जाने के रूप में दो करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है. आठवें नगर दीवानी एवं सत्र न्यायाधीश मल्लनगौडा ने एनआईसीई द्वारा दायर मुकदमे पर यह निर्देश दिया है, जो पिछले दो दशकों से परियोजना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे गौड़ा के लिए एक बड़ा झटका है.1995 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहने के दौरान दी थी मंजूरीइस परियोजना को बिल्ड-ओन-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओओटी) के आधार पर खुद गौड़ा ने मंजूरी दी थी, जब वह 1995 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे.28 जून, 2011 को एक स्थानीय समाचार चैनल गौड़ारा गर्जने (गौड़ा दहाड़) को दिए गए गौड़ा के साक्षात्कार के बाद एनआईसीई ने जनता दल (सेक्युलर) के नेता के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया था और हर्जाने के रूप में 10 करोड़ रुपये मांगे थे.साक्षात्कार का जिक्र करते हुए, एनआईसीई परियोजना के प्रमोटर और प्रबंध निदेशक अशोक खेनी, जो बीदर दक्षिण के पूर्व विधायक भी हैं, ने कंपनी के खिलाफ गौड़ा के आरोपों को चुनौती देते हुए मानहानि का मुकदमा दायर किया था और मांग की थी कि गौड़ा अदालत में अपने आरोपों को साबित करें.ADVERTISEMENTसमाचार चैनल पर साक्षात्कार का उल्लेख करते हुए, अदालत ने अपमानजनक टिप्पणियों के कारण कंपनी की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए देवगौड़ा को कंपनी को दो करोड़ रुपये की राशि दंड के तौर पर भरने का निर्देश दिया है. जनता दल (सेकुलर) प्रमुख ने एनआईसीई परियोजना पर निशाना साधा था और उसे लूट बताया था.10 करोड़ रुपये का मांगा था मुआवजाइस पर एनआईसीई के प्रमोटर खेनी ने आपत्ति जताई थी और अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि गौड़ा द्वारा अपमानजनक टिप्पणियों और झूठे आरोपों से कंपनी की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान हुआ है, इसलिए उनकी कंपनी को हर्जाने के रूप में 10 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए.अदालत ने कहा कि प्रतिवादी (देवगौड़ा) एक साक्षात्कार में उनके द्वारा दिए गए बयानों की पुष्टि करने में विफल रहे हैं और यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है कि वादी कंपनी (एनआईसीई) के खिलाफ उनके द्वारा लगाए गए आरोप किसी भी ठोस दस्तावेजी प...More Related News