![पूर्वोत्तर में आफ़स्पा के चलते मानवाधिकार उल्लंघन होने की आम राय बनाना ग़लत: एनएचआरसी प्रमुख](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2019/10/Justices-Arun-Mishra-PTI.jpg)
पूर्वोत्तर में आफ़स्पा के चलते मानवाधिकार उल्लंघन होने की आम राय बनाना ग़लत: एनएचआरसी प्रमुख
The Wire
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि आयोग सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम यानी आफ़स्पा की वैधता या संवैधानिकता की पड़ताल नहीं कर सकता या इस पर बहस नहीं कर सकता. अधिनियम लागू करने या वापस लेने की आवश्यकता की समीक्षा सरकार करेगी.
गुवाहाटी: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि यह आम राय बनाना गलत होगा कि कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में आफस्पा लागू करने के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है.
जस्टिस मिश्रा ने यह भी कहा कि एनएचआरसी सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) की वैधता या संवैधानिकता की पड़ताल नहीं कर सकता या बहस नहीं कर सकता.
जस्टिस मिश्रा ने यहां दो दिवसीय शिविर के समापन के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘यह आम राय नहीं बनाई जा सकती कि आफस्पा लगाने के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है. अधिनियम लागू करने या वापस लेने की आवश्यकता की समीक्षा सरकार करेगी.’
उन्होंने हालांकि, इस बात पर जोर दिया कि आयोग हिरासत में मौते या न्यायेतर हत्याओं को ‘बहुत गंभीरता से’ लेता है और सभी मामलों की जानकारी दी जानी चाहिए या वह स्वत: संज्ञान ले सकता है.