पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक से पीछे हटे भारत और चीन के सैनिक
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पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक के मैदानों में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है. भारतीय सेना के सूत्रों ने पुष्टि की है. यहां 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से तनाव बना हुआ था. सूत्रों ने कहा कि इस सकारात्मक कदम के लिए दोनों पक्ष 31 अक्टूबर को दिवाली पर मिठाइयां बाटेंगे.
पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक के मैदानों में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है. भारतीय सेना के सूत्रों ने पुष्टि की है. यहां 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से तनाव बना हुआ था. सूत्रों ने कहा कि इस सकारात्मक कदम के लिए दोनों पक्ष 31 अक्टूबर को दिवाली पर मिठाइयां बाटेंगे.
डिफेंस सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया, सैन्य वापसी हो गई जिसमें विवादित क्षेत्रों से सैनिकों, टेंट और अस्थायी स्ट्रक्चर को वापस लिया गया. इससे अब नियमित गश्त पर संभावित वापसी का रास्ता साफ हो गया है.
इस घटनाक्रम के बाद, दोनों पक्ष जल्द गश्त शुरू करेंगे. जिसमें जमीनी स्तर के कमांडर-ब्रिगेडियर और उससे नीचे के अधिकारी सीमा क्षेत्रों में विशिष्ट तौर-तरीकों को तय करने और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए चर्चा जारी रखेंगे. दोनों पक्ष सैनिकों की वापसी से जुड़ी खबर साझा कर रहे हैं. जबकि पीछे हटने की पुष्टि हो चुकी है.
भारत और चीन के स्थानीय सैन्य कमांडरों ने 30 अक्टूबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर देपसांग और डेमचोक में बैठक की, ताकि पीछे हटने के प्रयासों को अंतिम रूप दिया जा सके. सिलसिलेवार तरीके से पीछे हटने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में मंगलवार को देपसांग में हवाई सत्यापन पूरा हुआ. अस्थायी प्रतिष्ठानों को हटाने और सैनिकों की योजना के अनुसार पीछे हटने की पुष्टि करने के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) को तैनात किया गया था.
मंगलवार शाम तक इस क्षेत्र से जरूरी कदम उठाए जाएंगे, जिसमें डेपसांग और डेमचोक दोनों से टेंट, अस्थायी संरचनाएं और गाड़ी पूरी तरह से हटा दिए गए. भारत ने 21 अक्टूबर को घोषणा की कि उसने LAC पर गश्त करने के लिए चीन के साथ एक समझौता किया है, जो चार साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के बारे में एक सफलता है. जून 2020 में गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़पों के बाद शुरू हुआ था.