
पूर्ण चंद्रग्रहण और ब्लड मून, दो शानदार नज़ारे एक साथ
BBC
सुपरमून वह खगोलीय घटना है जिसके दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है और 14 फ़ीसदी अधिक चमकीला भी. इसे पेरिगी मून भी कहते हैं.
सुपरमून, फुलमून और ब्लडमून में क्या-क्या फर्क होता है? सुपरमून वह खगोलीय घटना है जिसके दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है और 14 फ़ीसदी अधिक चमकीला भी. इसे पेरिगी मून भी कहते हैं. धरती से नजदीक वाली स्थिति को पेरिगी (3,56,500 किलोमीटर) और दूर वाली स्थिति को अपोगी (4,06,700 किलोमीटर) कहते हैं. ब्लूमूनः यह महीने के दूसरे फुल मून यानी पूर्ण चंद्र का मौक़ा भी है. जब फुलमून महीने में दो बार होता है तो दूसरे वाले फुलमून को ब्लूमून कहते हैं. ब्लडमूनः चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया की वजह से धरती से चांद काला दिखाई देता है. 31 तारीख को इसी चंद्रग्रहण के दौरान कुछ सेकेंड के लिए चांद पूरी तरह लाल भी दिखाई दिया. इसे ब्लड मून कहते हैं. यह स्थिति तब आती है जब सूर्य की रोशनी छितराकर चांद तक पहुंचती है. परावर्तन के नियम के अनुसार हमें कोई भी वस्तु उस रंग की दिखती है जिससे प्रकाश की किरणें टकरा कर हमारी आंखों तक पहुंचती है. चूंकि सबसे लंबी तरंग दैर्ध्य (वेवलेंथ) लाल रंग का होती है और सूर्य से सबसे पहले वो ही चांद तक पहुंचती है जिससे चंद्रमा लाल दिखता है. और इसे ही ब्लड मून कहते हैं. वीडियो: विदित मेहरा और देवाशीष कुमारMore Related News