पूजा-पाठ, प्रियंका की रैली और 5 गारंटी... हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की ही तर्ज पर MP में भी कांग्रेस का चुनावी शंखनाद
AajTak
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान का आगाज कर दिया है. कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की ही तर्ज पर पूजा-पाठ और प्रियंका गांधी की रैली के साथ चुनावी शंखनाद किया.
'ग्रैंड ओल्ड पार्टी' कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान का आधिकारिक आगाज कर दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को जबलपुर के गौरीघाट पहुंचीं और नर्मदा तट पर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की. प्रियंका गांधी ने नर्मदा तट पर पूजा अर्चना के बाद जबलपुर में जनसभा को संबोधित किया.
प्रियंका गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर जमकर हमला बोला. प्रियंका गांधी की जनसभा और उनका सरकार पर, सत्ताधारी पार्टी पर बरसना स्वाभाविक भी है और संभावित भी. लेकिन कुछ बातें ऐसी भी रहीं जिसमें कांग्रेस की रणनीति, मध्य प्रदेश में पार्टी की चुनावी उम्मीद और भविष्य की सियासत से जुड़े संकेत भी नजर आ रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक का फॉर्मूला
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में चुनाव अभियान का आगाज भी उसी अंदाज में किया, जिस तरह से पार्टी ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में किया था. राज्य अलग, क्षेत्र अलग लेकिन चुनाव अभियान की शुरुआत का पैटर्न एक. हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भी कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान का आगाज प्रियंका गांधी ने ही किया था. मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस उसी फॉर्मूले पर आगे बढ़ती दिख रही है.
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के समय राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त थे. राहुल गांधी की व्यस्तता के कारण कांग्रेस ने प्रचार अभियान का आगाज करने के लिए प्रियंका गांधी को भेजा था. वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर श्रीराम त्रिपाठी कहते हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कारण प्रचार अभियान को लेकर अगर-मगर के फेर में फंसी कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को आगे किया. प्रियंका गांधी ने मां शूलिनी देवी मंदिर में पूजा पाठ के बाद सोलन में परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली को संबोधित किया था.
उन्होंने आगे कहा कि मजबूरी में किया गया ये प्रयोग इतना सफल रहा कि कांग्रेस को चुनाव के लिए एक अलग तरह की रणनीति मिल गई. अब तो पार्टी ने इसे पैटर्न ही बना लिया है. पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के चुनाव में सफल रहे इस फॉर्मूले का प्रयोग कांग्रेस ने दक्षिण के राज्य कर्नाटक में भी किया. हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में भी कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतकर सत्ता में वापसी करने में सफल रही.
15 नवंबर को दोपहर के समय एक बुजुर्ग अपने कमरे में बैठे थे, जब एक अनजान कॉल आया. कॉलर ने खुद को पुलिस का वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है. ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं जहां लोग पुलिस बनकर ठगी कर रहे हैं. बुजुर्गों को इन्टरनेट और फोन के माध्यम से होने वाले इन धोखाधड़ी से सावधान रहने की आवश्यकता है ताकि वह इस तरह के अज्ञात कॉल्स और फ्रॉड से बच सकें.
यूपी के संभल में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए बवाल में तीन लोगों की मौत हो गई है. एसपी ने इसकी पुष्टि कर दी है. शनिवार की सुबह जब कोर्ट के आदेश पर टीम सर्वे करने पहुंची तो स्थानीय लोगों ने बवाल शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने लगे जिसमें एसपी समेत कई लोगों को चोट आई है. प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी की और कई गाड़ियों को फूंक दिया.
उत्तर प्रदेश के संभल में तनाव लगातार बढ़ रहा है. जहां दो लोगों की मौत हो गई है और कई लोग जख्मी हुए हैं. संभल के एसपी ने इसकी पुष्टि की है. मस्जिद के सर्वे को लेकर यह तनाव बढ़ा है और पुलिसवाले खूब जख्मी हुए हैं. खुद पुलिस कप्तान को भी चोट लगी है. स्थानीय लोगों के साथ पुलिस की बातचीत चल रही है और धारा 144 लागू की गई है.
महाराष्ट्र की सियासत में अजीत पवार का नाम बड़े परिवर्तन की ओर इशारा कर रहा है. 65 वर्षीय अजीत पवार ने तीन बार उपमुख्यमंत्री का पद संभाला है और अब वे सीएम बनना चाहते हैं. उन्होंने अपने चाचा और नेताजी शरद पवार को चुनावी युद्ध में हराकर अपनी ताकत का परिचय दिया है. अजीत पवार की इस जीत को महाराष्ट्र में बड़े सियासी बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने महाराष्ट्र के नए सीएम को लेकर आज तक संवाददाता विद्या से बातचीत की है.
संभल के जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर बवाल और आगजनी होने के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि 'जब सर्वे हो चुका था तो दोबारा क्यों कराया, वो भी सुबह सुबह, कोई दूसरे पक्ष को सुनने वाला नहीं है. ये इसलिए कराया गया है ताकि चुनाव पर कोई सवाल न पूछ सके.
JLKM vs AJSU in Jharkhand Polls: जेएलकेएम ने राज्य की 71 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और उसे जीत सिर्फ एक सीट पर मिली. लेकिन उसने कम से कम 14 सीटों पर चुनाव परिणाम प्रभावित किया, जिसका बड़े पैमाने पर इंडिया ब्लॉक को फायदा हुआ. दूसरी ओर, कुर्मी समुदाय (ओबीसी) का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाली ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन में 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 231 वोटों के मामूली अंतर से केवल एक सीट जीतने में सफल रही.