पुतिन और वैगनर चीफ प्रिगोझिन के बीच तीन घंटे चली सीक्रेट मीटिंग, जानिए बैठक में क्या-क्या हुआ?
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वैगनर आर्मी द्वारा की गई बगावत के 5 दिन बाद यानी 29 जून को ये बैठक हुई थी. बैठक में पुतिन ने विशेष सैन्य अभियान (यूक्रेन) के दौरान वैगनर के एक्शन का आकलन किया था. साथ ही 24 जून को हुई बगावत के बारे में जानकारी ली थी.
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैगनर आर्मी चीफ येवगेनी प्रिगोझिन और उनके कमांडर्स के साथ बैठक की. यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली. पुतिन के प्रवक्ता ने सोमवार को इस मीटिंग की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि पुतिन और कभी उनके सहयोगी रहे प्रिगोझिन के बीच वैगनर द्वारा सेना के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ किए गए सशस्त्र विद्रोह पर चर्चा हुई.
बताया जा रहा है कि वैगनर आर्मी द्वारा की गई बगावत के 5 दिन बाद यानी 29 जून को ये बैठक हुई थी. दरअसल, यूक्रेन से युद्ध के बीच वैगनर आर्मी की बगावत के बाद 23-24 जून को रूस में गृहयुद्ध की स्थिति बन गई थी. तब वैगनर आर्मी के हजारों लड़ाके रूस की राजधानी मॉस्को तक मार्च पर निकले थे. हालांकि, राष्ट्रपति पुतिन ने बेलारूस के राष्ट्रपति की मदद से 24 घंटे में ही इसे टाल दिया था. बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता के बाद वैगनर आर्मी चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने लड़ाकों को पीछे हटाने का ऐलान कर दिया था. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन और प्रिगोझिन की बैठक का खुलासा सबसे पहले फ्रांसीसी अखबार लिबरेशन ने किया था. लिबरेशन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि प्रिगोझिन ने राष्ट्रपति पुतिन और नेशनल गार्ड के प्रमुख विक्टर जोलोटोव और SVR फॉरेन इंटेलिजेंस बॉस सर्गेई नारीश्किन से मुलाकात की थी.
बैठक में क्या क्या हुआ?
वहीं, रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि पुतिन ने प्रिगोझिन और वैगनर यूनिट कमांडरों समेत 35 लोगों को बैठक में बुलाया था और बैठक तीन घंटे तक चली थी. बैठक में पुतिन ने विशेष सैन्य अभियान (यूक्रेन) के दौरान वैगनर के एक्शन का आकलन किया था. साथ ही 24 जून को हुई बगावत के बारे में जानकारी ली थी.
दिमित्री पेस्कोव के मुताबिक, बैठक के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने कमांडर्स की बात को सुना था और उस दिन जो कुछ हुआ था, उस पर उनका स्पष्टीकरण मांगा था. साथ ही उन्हें रोजगार और युद्ध को लेकर विकल्प की पेशकश की थी.
पेस्कोव ने बताया कि 24 जून को जो कुछ भी हुआ था, उसके बारे में कमांडर्स ने पूरी जानकारी पुतिन को दी थी. साथ ही वैगनर ग्रुप के कमांडर्स ने कहा था कि वे राष्ट्रपति पुतिन और सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ के कट्टर समर्थक और सैनिक हैं. साथ ही वैगनर कमांडर्स ने पुतिन को भरोसा दिलाया था कि वे मातृभूमि की रक्षा की लड़ाई जारी रखने के लिए तैयार हैं.
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