पुण्यतिथि पर खास: ना फनकार तुझसा तेरे बाद आया, मोहम्मद रफी तू बहुत याद आया
Zee News
रफी साहब (Mohammed Rafi) जब 11-12 बरस के रहे होंगे तो उनकी आवाज में वह सिर्फ सिफ्त थी कि आस-पास के गांव के लोग भी उनकी आवाज़ को सुनने चले आया करते थे.
मौहम्मद सुहेल/नई दिल्ली: बहुमुखी गायकों के धनी मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) मौसीकी की बगिया के ऐसे फूल थे जिस के बिखर जाने से मौसीकी का चमन सचमुच ही वीरान सा लगता है. लेकिन उस फूल की खुश्बु आज भी उनके होने का एहसास कराती रहती है. आज हमारे बीच रफी साहब जैसी अजीम शख्सियत भले ही नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज ता कयामत तक कायम रहेगी और यह कहकर पुकारेगी कि, तुम मुझे यूं भुला न पाओगे जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे संग संग तुम भी गुनगुनाओगेMore Related News