पुणे के कारोबारी अविनाश भोंसले को CBI ने किया अरेस्ट, महाराष्ट्र के टॉप नेताओं के माने जाते हैं करीबी
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सीबीआई ने इस मामले में Radius Group के संजय छाबड़िया को गुरुवार को गिरफ्तार किया था. बाद में शुक्रवार को उन्हें सीबीआई की एक स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. छाबड़िया को 6 मई तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया है. सीबीआई मामले में उनसे और पूछताछ कर रही है. छाबड़िया की कंपनी ने DHFL और Yes Bank से बड़ी मात्रा में लोन लिया था.
यस बैंक डीएचएफएल मामले में सीबीआई ने पुणे के कारोबारी अविनाश भोंसले को गिरफ्तार किया है. अविनाश भोंसले महाराष्ट्र के शीर्ष राजनेताओं के करीबी माने जाते हैं. सीबीआई ने यस बैंक डीएचएफएल मामले में भोसले के परिसर की तलाशी ली थी. सीबीआई ने मार्च 2020 में मामला दर्ज किया था.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 30 अप्रैल को मुंबई और पुणे में कई स्थानों पर छापेमारी की थी. CBI अधिकारियों ने बिल्डर और व्यवसायी शाहिद बलवा और पुणे स्थित व्यवसायी अविनाश भोसले से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने मुंबई और पुणे में कुल आठ स्थानों पर छापेमारी की थी. सूत्रों के अनुसार, छापे यस बैंक डीएचएफएल मामले से जुड़े हुए हैं जिसमें रेडियस समूह के बिल्डर संजय छाबड़िया को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था.
संजय छाबड़िया रेडियस ग्रुप के प्रमोटर हैं. रेडियस ग्रुप ने डीएचएफएल (दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड) और यस बैंक से भारी कर्ज लिया था. सीबीआई ने इस साल फरवरी में मुंबई और पुणे में संजय छाबड़िया और रेडियस ग्रुप से जुड़े छह स्थानों पर तलाशी ली थी.
सीबीआई यस बैंक को नुकसान पहुंचाने के लिए यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल और उसके प्रमोटरों कपिल और धीरज वधावन की जांच कर रही है. जांच के दौरान यह पाया गया कि कपूर को डिबेंचर के लिए 650 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी, जिसे यस बैंक ने कपूर के निर्देश पर डीएचएफएल में बैंक द्वारा 3,700 करोड़ रुपये में खरीदा था. एक और 750 करोड़ यस बैंक द्वारा डीएचएफएल से जुड़ी कंपनी बिलीफ रियल्टर्स को दिए गए.
सूत्रों ने बताया कि रेडियस डेवलपर्स ने डीएचएफएल से करीब 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी साल 2020 में छाबड़िया से पूछताछ की थी और कपूर के साथ-साथ वधावन के खिलाफ मामले में उनका बयान दर्ज किया था.
ये है Yes Bank-DHFL Fraud मामला
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