
पीएम मोदी ने चीन को लेकर यह हिम्मत दिखाई या बदली स्थिति का नतीजा है?
BBC
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद से कई बार चीन जा चुके हैं. उन्होंने चीन से संबंध सुधारने के लिए यहाँ तक किया था कि दलाई लामा को सार्वजनिक रूप से बधाई तक नहीं दी थी.
2018 में भारत सरकार ने एक नोट के ज़रिए केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ नेताओं और सरकारी अधिकारियों को "थैंक यू इंडिया" कार्यक्रमों से दूर रहने को कहा था. भारत में तिब्बती प्रशासन ये कार्यक्रम आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के निर्वासन के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मार्च महीने के अंत और अप्रैल की शुरुआत में मनाने जा रहा था. ऐसा करने के पीछे वजह यह बताई गई थी कि भारत के चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के लिए वो बहुत संवेदनशील समय था. सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन को "थैंक यू इंडिया" कार्यक्रम को दिल्ली की बजाय हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में अपने मुख्यालय में आयोजित करना पड़ा. चूँकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अप्रैल 2018 में चीन की यात्रा पर जाना था, इसलिए इस घटनाक्रम का एक मतलब यह निकाला गया कि शायद भारत चीन को ख़ुश रखने के लिए तिब्बत के मसले पर अपने खुले समर्थन से कतरा रहा है. लेकिन मंगलवार को नरेंद्र मोदी ने दलाई लामा को फ़ोन कर उन्हें उनके 86वें जन्मदिन पर बधाई दी और इस जानकारी को एक ट्वीट के ज़रिए सार्वजानिक किया.More Related News