पीएम मोदी के सामने गीत गा रहे बच्चे के वीडियो में छेड़छाड़ पर कामरा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग
The Wire
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बर्लिन दौरे के एक बच्चे का संपादित किया हुआ वीडियो पोस्ट किया और मूल देशभक्ति गाने की जगह उसमें फिल्म ‘पीपली लाइव’ का गाना ‘महंगाई डायन खाए जात है’ लगा दिया था. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कामरा के आधिकारिक अकाउंट के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एक बच्चे के देशभक्ति का गीत गाने संबंधी वीडियो के ‘छेड़छाड़ वाले स्वरूप’ को ट्वीट करने के मामले में स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. Prime Minister @narendramodi was also seen enjoying a young boy's song praising India.#PMModiInEurope #PMInBerlin pic.twitter.com/xpeuBJpZEb The video is in the public domain by a news Organisation. The father is guiding the child towards demo singing to PM while everyone has cameras rolling & footage shared on social media, PM got the kid in public domain not me. I just made the child sing a song the PM much rather hear… https://t.co/XgNe1GZbhe
आयोग ने वीडियो को तत्काल सोशल मीडिया से हटाए जाने की भी मांग की है. — Asianet Newsable (@AsianetNewsEN) May 2, 2022 – https://t.co/xlFvVbmQ0n — Kunal Kamra (@kunalkamra88) May 5, 2022
आयोग ने ट्विटर के शिकायत अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि कामरा द्वारा एक नाबालिग बच्चे के देशभक्ति गीत गाने के ‘छेड़छाड़ किए गए वीडियो’ को अपने राजनीतिक एजेंडा के लिए ट्वीट करने के संबंध में शिकायत मिली है. The joke is not on your son, while you enjoy your son sing for his motherland to the most popular son, there are songs that he should listen to from people of his country also ✌🏽✌🏽✌🏽 https://t.co/aKnVk9lDSR
उसने कहा, ‘आयोग ने शिकायत का संज्ञान लिया है और उसकी राय है कि राजनीतिक विचाराधाराओं को आगे बढ़ाने के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल करना किशोर न्याय अधिनियम, 2015 तथा सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के प्रावधानों का उल्लंघन है. आयोग को यह भी आशंका है कि इस तरह के प्रचार वाले उद्देश्य से बच्चों का इस्तेमाल करना नुकसानदेह है और उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.’ — Kunal Kamra (@kunalkamra88) May 5, 2022