
पिता की गलती दोहरा रहे ट्रूडो! इंदिरा गांधी को जिस आतंकवादी को सौंपने से किया था मना, उसी ने उड़ाया विमान
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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर की गई जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है. जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि हरदीप सिंह हत्याकांड में भारत का हाथ है, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी खालिस्तानी आतंकी को लेकर दोनों देश आमने-सामने हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह हत्याकांड में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया है. कनाडा के प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. एक तरफ कनाडा ने जहां भारत के सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया है. वहीं, भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित करते हुए पांच दिन के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा है.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी खालिस्तानी आतंकी को लेकर दोनों देश आमने-सामने हैं. इससे पहले भी कनाडा ने कई बार खालिस्तानियों का बचाव किया है. साल 1982 में जस्टिन ट्रूडो के पिता और तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो ने भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से किए गए खालिस्तानी आतंकवादी तलविंदर सिंह परमार के प्रत्यर्पण के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था.
खालिस्तानियों का बचाव
हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो से कनाडा में लगातार बढ़ रही भारत विरोधी गतिविधियों से अवगत कराते हुए चिंता व्यक्त की थी. ट्रूडो ने खालिस्तानियों का बचाव और भारत की चिंताओं को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा था कि कनाडा शांतिपूर्ण विरोध का हमेशा पक्षधर रहेगा.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जिस तरह से खालिस्तानियों का बचाव करते हुए आतंकी हरदीप हज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है. उन्होंने एक बार फिर अपने पिता और तत्कालीन प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की याद दिला दी है. पियरे ट्रूडो 1968 से 1979 और 1980 से 1984 तक दो बार कनाडा के प्रधानमंत्री थे.
ठुकरा दिया था इंदिरा गांधी का अनुरोध

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