पिछड़ों को हिंदू के नाम पर इकट्ठा कर हमारे समाज का हिस्सा लूटा जा रहा है: ओम प्रकाश राजभर
The Wire
साक्षात्कार: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का दावा है 20 जनवरी तक कम से कम डेढ़ दर्जन मंत्री, विधायक भाजपा से इस्तीफ़ा देंगे और समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे. आगामी चुनाव के मद्देनज़र उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
उत्तर प्रदेश चुनाव में नया भूचाल आ गया है. चुनाव के तारीखों की घोषणा होने के बाद भाजपा में पिछड़ों का विद्रोह हो गया है. दो महत्वपूर्ण नेता- स्वामी प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री दारासिंह चौहान के साथ कई विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. क्या ये पिछड़ों का विद्रोह है?
आपने जो कहा सौ प्रतिशत सही है. हम सब लोग मिलकर सरकार बनाए थे. सरकार बनाने के बाद जिस तरह की उपेक्षा पिछड़े, दलित, वंचित, अल्पसंख्यकों की शुरू हुई, मैं तो मंत्री था. मैंने देखा कि 2017-2018 में सात लाख बच्चे सामान्य वर्ग के थे, 25 लाख बच्चे पिछड़ी जातियों से थे तो सामान्य वर्ग के सभी बच्चों को छात्रवृत्ति देने के लिए सात सौ करोड़ रुपये बजट मंजूर हुआ. वहीं, पिछड़ी जाति के 25 लाख बच्चों यानी कि तीन गुना से भी ज्यादा थे, उनके लिए भी सात सौ करोड़ रुपये मंजूर किया गया.
इस बात को लेकर हमारा मुख्यमंत्री से विवाद शुरू हुआ. मुख्यमंत्री नहीं माने. उसके बाद मैंने जितने भी पिछड़े समाज के नेता कैबिनेट में मंत्री थे, जैसे केशव प्रसाद मौर्य, स्वामी प्रसाद मौर्य, एसपी पाल, दारासिंह चौहान, सबके यहां व्यक्तिगत तौर पर जाकर यह बात उठाई. यह घोर अन्याय है, बच्चे विद्यालयों में पढ़ रहे हैं, जो सुविधा सामान्य वर्ग को मिल रही है, वही सुविधा पिछड़ों को भी मिलना चाहिए.
लोगों ने इस बात को स्वीकार किया कि यह अन्याय है. उन्होंने कहा आप तो स्वतंत्र हैं इसलिए बोल सकते हैं लेकिन हम तो पार्टी के हैं इसलिए इस मुद्दे को पार्टी फोरम में रख सकते हैं.