
पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक कम जली पराली- केंद्र
The Quint
पराली जलाने की वजह से हर साल दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाता है.
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दावा किया कि 15 सितंबर से पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में पिछले एक महीने के दौरान अभी तक पंजाब में धान अवशेष जलाने की घटनाओं में 69.49 फीसदी, हरियाणा में 18.28 फीसदी और एनसीआर में उत्तर प्रदेश के 8 जिलों में 47.61 फीसदी की कमी आई है।चूंकि पिछले कुछ दिनों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण की स्थिति धीरे-धीरे खराब होने लगी है, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) 15 सितंबर से धान के अवशेष जलाने की घटनाओं की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहा है।पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, चालू वर्ष की एक महीने की अवधि के दौरान, पंजाब में पिछले वर्ष की इसी अवधि में पराली जलाने की 4216 घटनाओं की तुलना में कुल 1286 मामले सामने आए हैं। इसी तरह, हरियाणा के संबंध में, पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 596 की तुलना में 487 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं एनसीआर में उत्तर प्रदेश के 8 जिलों में, पिछले वर्ष की इसी अवधि में 42 मामलों के मुकाबले इस वर्ष कुल पराली जलाने की 22 घटनाएं ही दर्ज हुई हैं।दिल्ली और राजस्थान के दो एनसीआर जिलों से पराली जलाने की कोई सूचना नहीं मिली है। धान अवशेष जलाने की पहली सूचना 16 सितंबर को पंजाब में, 28 सितंबर को हरियाणा में और 18 सितंबर को उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में मिली थी।पंजाब राज्य में धान के अवशेष जलाने के प्रमुख क्षेत्र अमृतसर, तरनतारन, पटियाला और लुधियाना हैं। इन चार जिलों में 72 प्रतिशत पराली जलाने की घटनाएं होती हैं। इसी तरह, हरियाणा में प्रमुख क्षेत्र करनाल, कैथल और कुरुक्षेत्र हैं। इन 3 जिलों में पराली जलाने की 80 प्रतिशत घटनाएं होती हैं।आयोग पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों के साथ दैनिक आधार पर कार्य योजना और धान के अवशेष जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए रूपरेखा के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है। सीएक्यूएम ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जिला कलेक्टरों/जिला मजिस्ट्रेटों सहित राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं।पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 8 एनसीआर जिलों में 14 अक्टूबर 2021 तक कुल 1795 स्थानों में से 663 ...