पिछले पांच साल में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले
The Wire
वित्त राज्यमंत्री भागवत के. कराड ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बैंकों द्वारा 1,57,096 करोड़ रुपये के क़र्ज़ बट्टे खाते में डाले गए. मंत्री ने यह भी बताया कि जानबूझकर ऋण न चुकाने वालों की सूची में मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स लिमिटेड सबसे ऊपर है. इसके बाद एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग, कॉनकास्ट स्टील एंड पावर, आरईआई एग्रो लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड का स्थान है.
नई दिल्ली: बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्ष में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डाला है.
वित्त राज्यमंत्री भागवत के. कराड ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान, बट्टे खाते में डाली जाने वाली राशि इससे पिछले वित्त वर्ष के 2,02,781 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 1,57,096 करोड़ रुपये रह गई.
वर्ष 2019-20 में, बट्टे खाते में डाली गई राशि 2,34,170 करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2018-19 में 2,36,265 करोड़ रुपये के पांच साल के रिकॉर्ड स्तर से कम था.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के दौरान, बैंकों ने बट्टे खाते में 1,61,328 करोड़ रुपये डाली थी.