पिछड़ों की एकजुटता वाली राजनीति का धार्मिक चेहरा 'भोले बाबा', वेस्ट यूपी में है दबदबा
AajTak
हर महीने के पहले मंगल को नारायण साकार हरि का विशाल सत्संग होता है जिसमें लगभग 5 लाख लोग जुटते हैं. बिना किसी पब्लिसिटी के बिना सोशल मीडिया के बिना लाइव प्रवचन के नारायण साकार हरि दलित बिरादरी के सबसे बड़े धार्मिक चेहरे बन चुके हैं.
यूं तो नारायण साकार हरि के भक्त सभी बिरादरियों में हैं, लेकिन जाटव बिरादरी के भक्त इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं. कहा जाता है कि इनकी धार्मिक ताकत की डोर थामकर कई चेहरे विधायक और सांसद बन गए. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जितना बड़ा विशाल सत्संग नारायण साकार हरि करते हैं उतना बड़ा कार्यक्रम किसी दूसरे धार्मिक गुरु या संत का नहीं होता था. बाबा को करीब से जानने वाले बताते हैं कि नारायण साकार हरि का सत्संग 5-5 लाख भक्तों का होने लगा जिससे अब शहरों से दूर अब खेतों में सत्संग के टेंट बनाए जाने लगे हैं.
हर महीने के पहले मंगल को नारायण साकार हरि का विशाल सत्संग होता है जिसमें लगभग 5 लाख लोग जुटते हैं. बिना किसी पब्लिसिटी के बिना सोशल मीडिया के बिना लाइव प्रवचन के नारायण साकार हरि दलित बिरादरी के सबसे बड़े धार्मिक चेहरे बन चुके हैं. चूंकि नारायण साकार हरि खुद भी जाटव बिरादरी से आते हैं, ऐसे में उनके भक्त सबसे ज्यादा इसी समाज से हैं और इस समाज में उनकी चर्चा एक आध्यात्मिक गुरु के तौर पर होती है जो उनके दुखों को हरता है. बीमारियों से निजात दिलाता है, भूत और प्रेत आत्माओं को दूर भगाता है. अपने हर विशाल सत्संग में सिर्फ डेढ़ घंटे के लिए नारायण साकार हरि का कार्यक्रम होता है जिसमें एक छोटा प्रवचन और आरती होती है और बाकी वक्त में वह लोगों की बीमारियों को ठीक करने का दावा करते हैं.
लगभग 20 सालों से नारायण साकार हरि हर महीने विशाल सत्संग का आयोजन करते रहे हैं, हाथरस में जो मौतें हुई उसमें 17 मौतें आगरा जिले की हैं, मृतकों में सबसे ज्यादा 14 महिलाएं जाटव बिरादरी से हैं जबकि तीन मल्लाह बिरादरी से.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर भाजपा के कई सियासी चेहरे तक सूरजपाल के मंच की शोभा बढ़ा चुके हैं. कहा जाता है कि सियासी दलों में सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि का रसूख इतना रहा है कि टिकट दिलाने में भी उनकी भूमिका रहती है, हालांकि सीधे तौर पर यह सामने कभी नहीं आते, न ही कभी किसी राजनीतिक नेता के घर या मंच पर जाते हैं, लेकिन सूरजपाल को मानने वाले उनकी बात नहीं टालते.
बाबूराम पासवान बीजेपी से पूरनपुर के विधायक हैं जो कि दलित बिरादरी से आते हैं. पीलीभीत के एक स्थानीय फोटो जर्नलिस्ट संजीव सिंह पिछले दो दशक से नारायण साकार हरि को जानते रहे हैं और वह यह भी जानते हैं कि दो बार के विधायक बाबूराम पासवान जब विधायक नहीं बने थे तब से बाबूराम पासवान के सिर पर सूरजपाल का हाथ रहा है, बाबूराम पासवान अब बीजेपी से दो बार के विधायक हो चुके हैं.
संजीव सिंह ने आजतक को बताया की दो दशक पहले से बाबूराम पासवान नारायण साकार हरि का कार्यक्रम पूरनपुर में कराया करते थे. कई दिनों का यह कार्यक्रम होता था जिसमें ज्यादातर दलित बिरादरियां भागीदारी करती थी. फोटोग्राफर होने के नाते संजीव सिंह की पहुंच भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के कमरे तक रहती थी और बीजेपी के विधायक उनके अनन्य भक्तों में से एक थे. संजीव सिंह के मुताबिक 2022 चुनाव के पहले भी पूरनपुर में नारायण साकार हरि का समागम हुआ था और बीजेपी के विधायक ने ही उसे भी कराया था.
माफिया बनाम मठाधीश: यूपी में अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच जुबानी जंग कहां रुकेगी? | Opinion
उत्तर प्रदेश में भी जम्मू-कश्मीर और हरियाणा से कोई कम चुनावी माहौल नहीं बना है, जबकि उपचुनावों के तारीख की अभी घोषणा भी नहीं हुई है - मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव एक दूसरे के खिलाफ काफी आक्रामक हो चुके हैं.
हरियाणा के गुरुग्राम में रविवार को बाइक और एसयूवी में हुई भीषण टक्कर में हाई स्पीड बाइक चला रहे युवक की मौत हो गई थी. अब इस घटना का खौफनाक वीडियो सामने आया है जिसमें बाइक सवार एसयूवी से टक्कर होने के बाद हवा में उछल कर गाड़ी के पीछे जाकर गिरता है. घटनास्थल पर तुरंत एंबुलेंस के आने के बाद भी अक्षत को बचाया नहीं जा सका.
370 को लेकर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के बयान पर अमित शाह ने कांग्रेस को घेरा है. शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि पाकिस्तान और कांग्रेस के इरादे एक जैसे. गृहमंत्री ने राहुल गांधी पर भी हमला हुए कहा कि वे देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े हैं. दरअसल पाक रक्षामंत्री ने 370 को लेकर बयानबाजी की है.
सीएम बनर्जी ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को मानव निर्मित बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि राज्य में स्थिति के पीछे एक साजिश है. डीवीसी बांध मैथन और पंचेत में स्थित हैं, जो झारखंड-बंगाल सीमा पर बना है. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पाशकुरा में बाढ़ की स्थिति की निगरानी करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि वह निगम के साथ सभी संबंध तोड़ देंगी.