पाटीदारों के गढ़ में प्रयोग करने से क्यों नहीं कतराती बीजेपी?: दिन भर, 23 नवंबर
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पाटीदार बहुल मेहसाणा बीजेपी के लिए कितना अहम है? क्यों ये इलाक़ा बीजेपी की पॉलिटिकल प्रयोगशाला है? असम और मेघालय का सीमा विवाद क्यों नहीं सुलझ पा रहा है? भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल गांधी को कितना बदल दिया और इससे राहुल गांधी के लिए क्या बदल गया? और चीफ़ इलेक्शन कमिश्नर के तौर पर टीएन शेषन क्यों एक नज़ीर हैं, सुनिए आज के 'दिन भर' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार ज़ोर शोर से चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, जेपी नड्डा जैसे बड़े नेताओं ने बीजेपी के लिए प्रचार की कमान संभाली. वहीं आम आदमी पार्टी के लिए भगवंत मान, संजय सिंह और राघव चड्ढा जैसे नेताओं ने अपना दम झोंका. प्रधानमंत्री मोदी ने आज ताबड़तोड़ चार रैलियां कीं. इसकी शुरुआत आज उन्होंने मेहसाणा से की. मेहसाणा प्रधानमंत्री का गृह जिला भी है. उन्होंने कहा कि चारों तरफ बीजेपी को ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है और ये चुनाव नरेंद्र मोदी या भूपेंद्र पटेल नहीं बल्कि जनता लड़ रही है. उन्होंने कांग्रेस पर भी ख़ूब निशाना साधा और भ्रष्टाचार, भाई-भतीजाबाद और परिवारवाद जैसे मुद्दों पर पार्टी को जमकर कोसा.
मेहसाणा, गुजरात का एक पाटीदार डोमिनेटेड ज़िला है और इसलिए 2015 के पाटीदार आंदोलन का गढ़ रहा था. लेकिन दो साल बाद 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी यहाँ की 7 में से 5 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. इस बार वहां क्या एक्वेशन बन रहे हैं और बीजेपी किस तरह इस इलाके को एक पॉलिटिकल लेबोरेट्री की तरह इस्तेमाल करती है? प्रधानमंत्री ने मेहसाणा में आज कांग्रेस को वंशवाद और परिवारवाद के मुद्दे पर भी घेरा. जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस के ऊपर परिवारवाद को आगे बढ़ाने के आरोप लगाए. लेकिन क्या बीजेपी ने इस चुनाव में अपने नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट नहीं दिया है, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का आज सतहत्तरवां दिन है. सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरु हुई ये यात्रा अब तक तकरीबन 1700 किलोमीटर तय कर चुकी है. इस यात्रा को राहुल गांधी लीड कर रहे हैं और उनके प्रेजेंस से पार्टी को उम्मीद है कि राज्यों में कमज़ोर पड़ चुके, ज़ंग खाए कैडर और कार्यकर्ताओं के गिरते हुए कॉनफिडेंस को एक किस्म का रिवाइवल मिलेगा. हालांकि बीजेपी ने अपनी सियासी टिप्पणियों में इसे राहुल के री-लांच की कोशिश बताया. पर अगर पॉलिटिकल बयानबाज़ी से इतर इस यात्रा में राहुल की बॉडी लैंगवेज की बात करें, जिसे लेकर खूब चर्चा हो भी रही है... तो राहुल इस सफर में अपनी चाल के ज़रिए कुछ अग्रेशन ज़ाहिर करने की कोशिश करते हुए लगते हैं. सफेद टी-शर्ट, बादामी ट्राउज़र, स्पोर्ट शूज़ और बढ़ी हुई दाढ़ी में राहुल तेज़ कदम बढ़ाते हुए पालिटिक्स के एंग्री यंग मैन बनने की कोशिश में दिखाई देते हैं. सरकार के खिलाफ सात साल की एंटी-इंकंबेंसी, मंहगाई, बेरोज़गारी के मुद्दों पर आम जनता के असंतोष की एक तस्वीर बनाने की कोशिश में राहुल जिस तरह साथ आए लोगों का हाथ मज़बूती और उतनी ही सहजता से थामकर आगे बढ़ते हैं, वो उन तस्वीरों से अलग लगती है जिसमें किसी पार्टी का एक नेता जब चलता है तो बाकियों को पीछे कर दिया जाता है. तो क्या ये वाकई राहुल का कम बैक है और नज़दीक से इस यात्रा को कवर करने वाले इस सफर के दौरान राहुल में क्या किसी तरह के बदलाव और राजनीतिक समझ की मच्योरिटी को देख रहे हैं? साथ ही जनता में उनके परसेप्शन को लेकर क्या किसी तरह के बदलाव को आप महसूस कर रही हैं जो चुनाव में कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम लगेज पॉलिसी लेकर आए हैं, जब भी हम कुछ लागू करते हैं, तो हमें सुझाव मिलते हैं, जनता की मांग थी कि दूध और सब्जी का उत्पादन करने वाले या सप्लाई करने वाले किसानों को हमारी बसों में रियायत दी जाए, हमने उनकी मांग को स्वीकार किया और दूध और सब्जी सप्लायरों के लिए टिकट हटा दिए हैं.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एहतियाती उपायों की समीक्षा के लिए सचिवालय में हाईलेवल बैठक बुलाई. इस दौरान भारी बारिश की संभावना वाले क्षेत्रों में NDRF और SDRF की टीमों को तैनात करने का निर्देश दिया. कुल 17 टीमों को तैनात किया गया है, इसमें चेन्नई, तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम और कुड्डालोर और तंजावुर जिले शामिल हैं.
हिंदू संगठन 'बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोते' एक बयान में कहा कि वकील सैफुल इस्लाम की हत्या में कोई सनातनी शामिल नहीं है. एक समूह सुनियोजित हत्या को अंजाम देकर सनातनियों पर दोष मढ़ने की कोशिश की जा रही है. हिंदू संगठन ने चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की तत्काल बिना शर्त रिहाई और चिटगांव हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है.
महाराष्ट्र में नए सरकार के गठन को लेकर कवायद तेज हो गई है. एकनाथ शिंदे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. राजभवन जाकर उन्होंने इस्तीफा सौंपा. शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर उनको अपना इस्तीफा सौंपा. इस दौरान डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे. लेकिन अभी तक नए मुख्यमंत्री को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है.