पाकिस्तान में साढ़े सात सौ किलोमीटर के लॉन्ग मार्च पर पैदल ही क्यों निकल पड़ा ये शख़्स
BBC
ये शख़्स आख़िर किस मक़सद के लिए लॉन्ग मार्च कर रहे हैं जिसमें महिलाएं भी उनके साथ हैं. पैरों में छालों के बावजूद ये अपने इरादे पर अटल हैं. जानिए इनकी शख़्सियत और मक़सद के बारे में.
"मुझे यक़ीन था कि मैं नंगे पैर मार्च कर पाऊंगा क्योंकि बलूचिस्तान के दूरदराज़ के इलाक़ों में ग़रीबी के कारण हमारी मां, बहनें और भाई नंगे पैर ही चलते हैं."
ईरान की सीमा से लगे बलूचिस्तान के केच ज़िले के रहने वाले गुलज़ार प्रांत में लापता लोगों की बरामदगी के लिए तुरबत से क्वेटा तक लगभग 776 किलोमीटर का पैदल मार्च कर रहे हैं.
दूरी के लिहाज़ से पिछले आठ सालों में बलूचिस्तान से यह दूसरा बड़ा पैदल लॉन्ग मार्च है जिसमें उनके साथ महिलाओं ने भी हिस्सा लिया है.
बलूचिस्तान से लापता व्यक्तियों के रिश्तेदारों के संगठन, वॉयस फ़ॉर बलोच मिसिंग पर्सन्स के उपाध्यक्ष मामा क़दीर बलोच के नाम पर होने वाले इस मार्च के चार मक़सद हैं.