
पाकिस्तान में राष्ट्रपति सिस्टम के पक्ष में बहस तेज़- उर्दू प्रेस रिव्यू
BBC
पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों से बहस हो रही है कि क्या संसदीय लोकतंत्र की जगह राष्ट्रपति सिस्टम को लागू किया जाना चाहिए. पढ़ें उर्दू अखबारों की समीक्षा.
पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों से बहस हो रही है कि क्या संसदीय लोकतंत्र की जगह राष्ट्रपति सिस्टम को लागू किया जाना चाहिए. अख़बारों और सोशल मीडिया में चल रही यह बहस शुक्रवार को पाकिस्तानी संसद में भी पहुँच गई.
अख़बार नई बात के अनुसार शुक्रवार को संसद में इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई.
मुस्लिम लीग (नवाज़ गुट) के वरिष्ठ नेता अहसान इक़बाल ने कहा कि पता नहीं कौन बार-बार यह बहस छेड़ देता है कि राष्ट्रपति सिस्टम लेकर आना चाहिए. उन्होंने राष्ट्रपति सिस्टम का विरोध करते हुए कहा, "जितना राष्ट्रपति सिस्टम पाकिस्तान ने भुगता है उतना शायद इस क्षेत्र में किसी और देश ने नहीं भुगता है. हम पाकिस्तान के संविधान में, पाकिस्तान के संघीय संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी तरह का हस्तक्षेप और बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे."
अहसान इक़बाल ने कहा कि हर हाल में संसदीय लोकतंत्र की रक्षा की जाएगी.उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का हर नागरिक अपने संविधान, अपने संसदीय सिस्टम की सुरक्षा के लिए सीसा पिलाई हुई दीवार बनेगा."
लेकिन सरकार ने विपक्ष के इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि सरकार का ऐसा कुछ करने का कोई इरादा नहीं है.