पाकिस्तान में यूरोपीय संसद में पारित प्रस्ताव पर चर्चा क्यों- उर्दू प्रेस रिव्यू
BBC
प्रस्ताव में पाकिस्तानी सरकार से कहा गया है कि वो ईश-निंदा क़ानून की दफ़ा 295बी और सी को ख़त्म कर दे.
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते कोरोना के अलावा यूरोपीय संसद में पाकिस्तान से जुड़े एक प्रस्ताव के पारित होने से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में रही. सबसे पहले बात यूरोपीय संसद में पारित हुए एक प्रस्ताव की. यूरोपीय संसद में भारी बहुमत के साथ एक प्रस्ताव पारित किया गया है जिसमें यूरोपीय यूनियन से आग्रह किया गया है कि वो साल 2014 में पाकिस्तान को जेनरालइज़्ड स्कीम ऑफ़ प्रिफ़रेंसेंज़ (जीएसपी) प्लस के तहत दी गई कारोबारी रियायत पर फ़ौरन पुनर्निचार करे. अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार गुरुवार को पारित हुए इस प्रस्ताव में पाकिस्तानी सरकार से कहा गया है कि वो ईश-निंदा क़ानून की दफ़ा 295 बी और सी को ख़त्म कर दें. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में ईश-निंदा क़ानून के तहत दर्ज किए गए मुक़दमों की सुनवाई एंटी-टेरर कोर्ट में ना की जाए. पाकिस्तान ने यूरोपीय संसद में पारित इस प्रस्ताव को निराशाजनक क़रार दिया है. अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफ़ीज चौधरी ने कहा है कि पाकिस्तान को इस प्रस्ताव के पारित होने पर मायूसी हुई है.More Related News