पाकिस्तान में महंगाई को कितना क़ाबू कर पाएगी शहबाज़ शरीफ़ की सरकार?
BBC
आसमान छूती महंगाई से पाकिस्तान के लोगों का बुरा हाल है. उम्मीद जताई जा रही है कि इमरान खान की विदाई के बाद आने वाली सरकार इस पर काबू करेगी. लेकिन क्या ये इतना आसान है?
पाकिस्तान में इमरान खान की सत्ता से विदाई के बाद आने वाली नई सरकार को आर्थिक मोर्चे पर बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा. नए पीएम को गठबंधन सरकार चलाने के साथ ही जिन बड़ी आर्थिक चुनौतियों से जूझना होगा, उनमें सबसे ऊपर महंगाई है.
इमरान ख़ान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) पार्टी की सरकार को बढ़ती महंगाई को लेकर अपने सियासी विरोधियों के तीखे तेवरों का सामना करना पड़ा है. पाकिस्तान में इस वक्त कई ज़रूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं.
दुनिया में जिन देशों में खाने-पीने की चीजों की कीमतें बहुत अधिक बढ़ी हुई हैं उनमें पाकिस्तान भी शुमार है. पाकिस्तान को अपनी ऊर्जा और खाद्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ता है.
पाकिस्तान में नई सरकार के आने के बाद महंगाई घटने की उम्मीद जताई जा रही है लेकिन अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि यह कम नहीं होने जा रही है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने पहले ही कह दिया है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति बनी रहेगी.
पीएमएल (एन) की आर्थिक टीम की प्रमुख सदस्य और पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री डॉ. आयशा घोष पाशा के मुताबिक महंगाई बढ़ने की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वजहें हैं.