पाकिस्तान में पीहर और हिंदुस्तान में पिया का घर, कैसे सुलझेंगे ये उलझे रिश्ते
BBC
हज़ारों पाकिस्तानी लड़कियां भारतीय लड़कों से शादी करती हैं, हिंदुस्तान में अपना घर बसाती हैं. उनमें हिंदू भी होते हैं और मुसलमान भी और ये सबकुछ आसान नहीं होता है.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के उमरकोट की रहने वाली सरिता जब अपना घर छोड़ रही थीं तो सिंधु नदी पर बने पुल पर वो रुक गईं. राजपूत बिरादरी से आने वाली 20 वर्षीय सरिता कुमारी ने सिंधु में एक सिक्का फेंका और नदी पारकर भारत जाने की इजाजत मांगी. उन्होंने अपने लिए एक मन्नत मांगी क्योंकि वो सरहद पार कर दूसरे देश में घर बसाने के लिए नए सफ़र पर निकल रही थीं. अब भारत ही उनका घर होने वाला था. ये साल 1984 की बात है. सरिता सिंधु नदी पार कर राजस्थान के घनेराव पहुंचीं जहां उनका ब्याह ठाकुर हिम्मत सिंह के संग हुआ. सरिता ने मुझे बताया, "वो एक रिवाज था जो मेरे पिता ने मुझे सिखाया था और मैंने भी उसे अच्छे से गांठ बांध ली थी. राजपूत लड़कियों का ब्याह उनके अपने ही गोत्र में नहीं होता है. पाकिस्तान में हम केवल सोढ़ा राजपूत रह गए थे." "ये बात सबके दिमाग में रहती थी कि एक रोज़ मुझे अपने लिए दूल्हा भारत में खोजना होगा. एक शादी के जलसे में शरीक होने मैं पहली बार भारत आई थी, तब मैं केवल 19 बरस की थी. वहीं मेरी भावी सास ने मुझे देखा और मेरी कुंडली मिलाई गई. ब्याह से पहले मैंने अपने पति को केवल एक बार देखा था."More Related News